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Pak Political Crisis: Pak में सियासी उलटफेर में क्या है सेना का भूमिका? ISPR के डीजी ने कही बड़ी बात

Pak Political Crisis: पूर्व सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने पुष्टि की है कि अब 90 दिनों में चुनाव होंगे। अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को बधाई दी और कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली को भंग करने का प्रस्ताव भेजा था और राष्ट्र को अगले चुनावों की तैयारी करनी चाहिए।

इस्लामाबाद। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (डीजी आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने देश में राजनीतिक उठा पटक होने के कुछ घंटों की अवधि के बाद जियो न्यूज को कहा कि रविवार को जो हुआ, उससे पाकिस्तानी सेना का कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक घटनाक्रम में सेना की सहमति के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए, डीजी आईएसपीआर ने किसी भी तरह की संलिप्तता से साफ इनकार किया। डीजी आईएसपीआर की टिप्पणी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग करने की मंजूरी देने के बाद आई है। नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ बहुप्रतीक्षित अविश्वास प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह संविधान के अनुच्छेद 5 के विपरीत है।

पूर्व सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने पुष्टि की है कि अब 90 दिनों में चुनाव होंगे। अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को बधाई दी और कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को नेशनल असेंबली को भंग करने का प्रस्ताव भेजा था और राष्ट्र को अगले चुनावों की तैयारी करनी चाहिए। इमरान खान ने कहा कि, ”राष्ट्रपति को विधानसभाओं को भंग करने के लिए सलाह भेज दी है। चुनाव हों और लोग फैसला करें कि वो किसे चाहते हैं। बाहर से कोई साजिश और इस तरह के भ्रष्ट लोग इस मुल्क की तकदीर का फैसला न करें।”

उधर इमरान खान की अपील के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने असेंबली को भंग कर दिया है। जिसके बाद अब इमरान चुनाव होने तक कार्यकारी प्रधानमंत्री बने रहेंगे। वहीं मुल्क में 90 दिनों के भीतर चुनाव पर कराए जाएंगे।