बीजिंग। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक के वरिष्ठ सलाहकार ब्रुस एल्वार्ड ने कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार चीन ने महामारी से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पेइचिंग में आयोजित चीन-विश्व स्वास्थ्य संगठन संयुक्त विशेषज्ञ दल की न्यूज ब्रीफिंग में विशेषज्ञों ने कहा कि चीन द्वारा उठाए गए कदम से महामारी के विस्तार को रोका गया है। उन्होंने दूसरे देशों को चीन द्वारा उठाए गए कदमों सीख लेने की सलाह दी है।
इस संयुक्त दल के वैदेशिक नेता ब्रुस एल्वार्ड ने कहा कि चीन का दृष्टिकोण यही है कि चूंकि कोई दवा और कोई टीका नहीं है, तो आपके पास जो भी हो, उसका उपयोग करना आना चाहिए और जीवन को बचाने के लिए आवश्यकतानुसार समायोजित करना चाहिए।
कुल नौ दिनों के भीतर 12 विशेषज्ञों के दल ने पेइचिंग, क्वांगतुंग, सछ्वान और हूपेइ का दौरा किया। उन्होंने पाया कि चीन ने वुहान शहर को बन्द किया और इस शहर में कुछ विशेष अस्पताल का निर्माण किया। सेना और दूसरे राज्यों में से 330 दल और 40 हजार चिकित्सक भेजे गए। महामारी की रोकथाम में चीन की गति, पैमाना और कार्य क्षमता साबित हुई है।
अमेरिकी लेखक सारा फ्लोंडर्स ने लिखा कि महामारी की रोकथाम के लिये चीन द्वारा उठाया गया कदम पूंजीवादी देश में कभी नहीं दिखता है। उधर अमेरिका के द खुन फाउंडेशन के अध्यक्ष रोबर्ट लॉरेंस खुन ने कहा कि चीन सरकार की संगठनात्मक क्षमता वैश्विक स्वास्थ्य के इतिहास में कोई मिसाल नहीं है, और विश्व के दूसरे देश ऐसा करने में असमर्थ हैं।
नये कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में काफी जानकारी नहीं है, इसलिए इसे रोकने वाले कदमों को ढीला नहीं बनाया जाएगा। पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा कि सभी देशों को आशा, साहस और विश्वास दिलाने सूचना यही है कि इस वायरस को नियंत्रित किया जा सकेगा। चीन उपयोगी दवाइयों और टीके का अनुसंधान करने की कोशिश करेगा और चीन भी दूसरे देशों को यथासंभव मदद देगा।