नई दिल्ली। अल कादिर मामले में गिरफ्तार हुए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री व तहरीक ए इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध बताया है। कोर्ट ने इस बात पर आपत्ति जताई है कि आखिर कैसे मुल्क के पूर्व वजीर-ए-आजम को कोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया है, वो भी कॉलर पकड़कर। ध्यान रहे कि इससे पहले भी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को अवैध बताया था। अब ऐसे में माना जा रहा है कि इमरान को रिहा किया जा सकता है। वहीं, कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद इमरान के समर्थक में खुशी की लहर है। बता दें कि इमरान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में चौतरफा तबाही का आलम है। इमरान के समर्थक सड़कों पर पर इस गिरफ्तारी का विरोध कर रहे है। लेकिन, इस विरोध प्रदर्शन की आड़ में पूरे मुल्क में हिंसा भी देखने को मिल रही है। ध्यान रहे कि एनएबी के रेजंर्स द्वारा अदालत से इमरान की गिरफ्तारी पर आपत्ति जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि कानून के मुताबिक, किसी की भी गिरफ्तारी का अधिकार पुलिस को है, तो रेंजर्स कौन होते हैं, किसी को गिरफ्तारी करने वाले? विशेषज्ञों का कहना है कि रेंजर्स के पास केवल किसी भी मामले की तहकीकात का अधिकार है, ना किसी को गिरफ्तारी करने का। इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है।
बता दें कि इमरान की गिरफ्तारी के बाद मुल्क में स्थिति अराजक बनी हुई है। हालांकि, अब स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। सभी संवेदनशील स्थानों पर बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर दिया गया है। उधर, इमरान की गिरफ्तारी के विरोध में सड़क पर उतरे पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं, अमेरिका ने भी पूरे मामले पर बयान बयान जारी किया है, लेकिन साफतौर पर इमरान की गिरफ्तारी पर कुछ भी नहीं कहा। इसके अलावा अभी तक इस पूरे प्रकरण पर चीन की ओर से कोई बय़ान सामने नहीं आया है। ध्यान दें कि दो दिन पहले ही पाकिस्तानी सेना प्रमुख चीन दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने शीर्ष सैन्य अधिकारियों से मुलाकात की थी, लेकिन गौर करने वाली बात है कि अपने समकक्ष से नहीं मिले थे, जिसे लेकर अभी सवाल उठे रहे हैं। वहीं, अब जिस तरह से अल कादिर मामले में इमरान की गिरफ्तारी हुई है, उस पर अभी तक चीन की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। ध्यान रहे कि यह वही चीन है, जो कि हर मसले पर पाकिस्तान का सपोर्ट करने से बिल्कुल भी गुरेज नहीं करता है।
उधर, पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी की भत्सर्ना करते हुए यह भी कहने से गुरेज नहीं किया कि हम मुल्क को जेल में तब्दील नहीं होने देंगे। बहरहाल, कुल मिलाकर पाकिस्तान में स्थिति काफी अव्यवस्थित व तनावग्रस्त बनी हुई है। इमरान समर्थकों का आक्रोश अपने चरम पर है। गत बुधवार को इमरान समर्थकों ने पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के विरोध में हाईकोर्ट का रूख किया था, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया, जिस पर अब यह फैसला सुनाया गया है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में पाकिस्तान में जारी सियासी उथल-पुथल क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।