इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने पहले भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया। अब उसके यहां तहरीक-ए-तालिबान TTP के आतंकी हाहाकार मचा रहे हैं। आए दिन टीटीपी के आतंकी पाकिस्तान में सुरक्षाबलों को निशाना बना रहे हैं। पाकिस्तान की सेना भी आतंकियों का सफाया नहीं कर पा रही है। ऐसे में अब पाकिस्तान में इस्लामी धर्मगुरुओं ने आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी किया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्तान के खतरनाक खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दारुल उलूम पेशावर और जामिया दारुल उलूम हक्कानिया समेत कई मदरसों के मौलवियों ने आतंकवाद के खिलाफ फतवा जारी कर पुलिस और सेना पर हमलों को हराम बताया है। पाकिस्तान में पहली बार आतंकवाद के खिलाफ कोई फतवा जारी किया गया है।
خیبر پختونخواہ کے علماء کا دہشت گردوں کے خلاف فتوی??اسلامی ریاست کے اندر کسی قسم کا فتنہ و فساد ریاست کے خلاف کسی بھی قسم کی محاز آرائی، لسانی، علاقائی، مذہبی، مسلکی اختلافات اور قومیت کے نام پر تخریب و فساد پھیلانا شریعت کی رو سے جائز نہیں۔ علما ء#Fatwa_against_terrorism pic.twitter.com/OiyQ8cPk3p
— H_khan (@H_akham) January 9, 2023
इन मौलवियों ने अपने फतवे में बताया है कि सिर्फ इस्लामिक स्टेट के प्रमुख को जिहाद का एलान करने का खास हक है। हर कोई जिहाद का एलान नहीं कर सकता। 14 पन्नों में ये फतवा जारी किया गया है। फतवे में कहा गया है कि सेना और पुलिस पर हथियारों का इस्तेमाल करना शरीयत और देश के खिलाफ है। जो भी पाकिस्तान के संविधान और कानून का उल्लंघन करता है, उसे दंड मिलना ही चाहिए। जानकारी के मुताबिक इस फतवे में मुफ्ती सुभानअल्लाह जान, कारी अहसानुल हक, मौलाना हुसैन अहमद, मुफ्ती मुख्तरुल्लाह हक्कानी, मौलाना अताउर रहमान, मौलाना अब्दुल करीम और आबिद हुसैन शाकरी के अलावा कई और मौलवियों ने दस्तखत किए हैं।
तहरीक-ए-तालिबान यानी टीटीपी के चीफ मुफ्ती नूर वली महसूद ने दो दिन पहले एक वीडियो संदेश जारी किया था। नूर वली ने अपने इस संदेश में पाकिस्तान के धर्मगुरुओं से मार्गदर्शन मांगा था। वली ने कहा था कि धर्मगुरु बताएं कि हमारे जिहाद की दिशा सही है या गलत है। टीटीपी चीफ के इस वीडियो के बाद ही अब पाकिस्तान के मौलवियों ने फतवा जारी किया है। अब सबकी नजर इस पर है कि टीटीपी के आतंकवादी फतवे को मानते हैं या खूनखराबा जारी रखते हैं।