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China: नए साल की पूर्व संध्या पर शी जिनपिंग ने किया देशवासियों को संबोधित, देश में जारी कोरोना के कहर पर कही ये बात

दरअसल, शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में कोरोना के खिलाफ जंग में मुस्तैद सभी स्वास्थ्यकर्मियों का शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन सभी लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि मैं उन सभी लोगों का दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जिन्होंने कोरोना के प्रभाव को खत्म करने की दिशा में अपना बहुत कुछ गंवा दिया।

नई दिल्ली। चीन में कोरोना वायरस ने आफत मचा रखी है। अपने आपको आपको दुनिया का सर्वाधिक विकसित देश होने का दावा करने वाले चीन की कोरोना से हालत पस्त हो चुकी है। वहां की भयावह स्थिति का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि वहां शमशाम घाट शवों से पट चुके हैं। आलम यह है कि लोग अंत्योष्टि कराने के लिए भी स्लॉट बुक करवा रहे हैं। चीन की कोरोना से हुई दर्गति का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि कल तक जो खुद की बदहाली पुरी दुनिया से छुपाए फिरता था, आज वो अपनी बदहाली का रोना रो रहा है। बहरहाल, इन तमाम दुश्वारियों के बीच शी जिनपिंग ने देशवासियों को नए साल की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। आइए, आपको बताते हैं कि चीनी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में क्या कुछ कहा।

दरअसल, शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में कोरोना के खिलाफ जंग में मुस्तैद सभी स्वास्थ्यकर्मियों का शुक्रिया अदा किया। साथ ही उन सभी लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि भी दी। चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि मैं उन सभी लोगों का दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जिन्होंने कोरोना के प्रभाव को खत्म करने की दिशा में अपना बहुत कुछ गंवा दिया। मेरे पास उनकी तारीफ के लिए शब्द नहीं हैं। मैं आज निशब्द हूं। आज इन्हीं लोगों की मेहनत का नतीजा है कि देश में कोरोना का प्रभाव कम हो रहा है और हम आहिस्ता-आहिस्ता बंदिशों से मुक्त होते जा रहे हैं।

जिनपिंग ने आगे कहा कि यह लड़ाई अभी लंबी चलेगी, लेकिन हमें खुद को इस लड़ाई पर विजयी पाने के लिए तैयार रखना होगा। बता दें कि चीन के लिए नए साल के एक दिन पूर्व दिए गए इस संबोधन के कई मायने हैं। अब ऐसी स्थिति में कोरोना से जूझ रहे चीन की स्थिति आगामी दिनों में कैसी रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।