newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Russia Attacks Ukraine: रूसी हमले से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलिंस्की बैकफुट पर, नाटो में शामिल होने पर दिया ये बयान

रूस ने ये कहते हुए ही यूक्रेन पर हमला किया था कि वो नाटो का सदस्य न बने। रूस ने ये शर्त भी लगाई थी कि डोनबास में जिन दो नए देशों डोनेत्स्क और लुगांस्क को उसने मान्यता दी है, उसे भी यूक्रेन मान ले। साथ ही क्रीमिया पर रूस की संप्रभुता को स्वीकार करे।

कीव। रूस के हमले का आज 14वां दिन है और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलिंस्की बैकफुट पर आते दिख रहे हैं। जेलेंस्की ने कहा है कि वो अब यूक्रेन के लिए नाटो की सदस्यता देने पर जोर नहीं दे रहे। जेलेंस्की ने रूस समर्थित यूक्रेन के डोनबास प्रांत के दो इलाकों की आजादी पर भी समझौता करने के लिए तैयार दिख रहे हैं। बता दें कि रूस ने ये कहते हुए ही यूक्रेन पर हमला किया था कि वो नाटो का सदस्य न बने। रूस ने ये शर्त भी लगाई थी कि डोनबास में जिन दो नए देशों डोनेत्स्क और लुगांस्क को उसने मान्यता दी है, उसे भी यूक्रेन मान ले। साथ ही क्रीमिया पर रूस की संप्रभुता को स्वीकार करे।

kyiv

जेलेंस्की ने अमेरिकी न्यूज चैनल ‘एबीसी न्यूज’ से इंटरव्यू में कहा कि उनके देश को नाटो स्वीकार करने के लिए भी तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि नाटो विवादित मसलों और रूस से टकराव से डर रहा है। नाटो की सदस्यता का जिक्र करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि वो ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं रहना चाहते, जो घुटनों के बल कुछ मांग रहा हो। रूस ने हमेशा कहा है कि नाटो ने भरोसा देने के बावजूद उसकी तरफ अपने कदम बढ़ाए। रूस का कहना है कि वो नाटो की सेना अपने पड़ोस में किसी भी सूरत में नहीं देखना चाहता है।

kyiv 1

डोनेत्स्क और लुगांस्क की आजादी के बारे में पूछे गए सवाल पर जेलेंस्की ने कहा कि वो बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के लिए वो सुरक्षा की गारंटी मांग रहे हैं। इससे पहले भी जेलेंस्की ने कहा था कि वो रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से सीधे बात करना चाहते हैं। रूस की तरफ से भी कहा गया था कि यूक्रेन शर्तें माने, तो बातचीत हो सकती है। बहरहाल, यूक्रेन और रूस के विदेश मंत्रियों की 10 मार्च को बैठक भी तय है। दोनों देशों के बीच 3 दौर की बातचीत हुई भी थी। अब जेलिंस्की के बैकफुट पर आने से यूरोप में जंग थमने के आसार भी दिख रहे हैं।