नई दिल्ली। आचार्य चाणक्य ने जीवन को सरल और सुगम बनाने के लिए कई तरह की बातें अपनी नीतिशास्त्र में बताई है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में हर काम को सही ढंग से करने का मंत्र भी बताया है। चाणक्य ने ऐसे पांच कामों के बारे में भी बताया है जिसे अगर तय संख्या यानी कुछ लोगों के साथ ही करना चाहिए तभी उसमें सफलता मिलती है। इसके अलावा चाणक्य ने ऐसे एक काम के बारे में भी बताया है जिसे हमेशा अकेले में करना चाहिए तभी उसका फायदा मिलता है। तो चलिए आपको बताते हैं चाणक्य ने किस काम के लिए कितने लोगों का होना जरूरी बताया है।
पढ़ाई- आचार्य चाणक्य ने पढ़ाई के लिए हमेशा दो लोगों का साथ होना जरूरी बताया है। चाणक्य का कहना है कि जब दो लोग साथ में एक साथ बैठकर पढ़ाई करते हैं तो इससे उनमें ज्ञान का आदान प्रदान तो होता है साथ ही किसी विषय में अटकने पर एक दूसरे की मदद हो जाती है।
मनोरंजन- चाणक्य की मानें तो मनोरंजन का लुफ्त उठाने के लिए तीन लोगों का होना जरूरी है। इसकी संख्या ज्यादा भी हो सकती है लेकिन कम से कम तीन लोगों को मनोरंजन के लिए जरूर होना चाहिए।
खेती- खेती मएक ऐसा काम है जिसमें बहुत मेहनत लगती है। ये काम कोई भी अकेले या दो इंसान नहीं कर सकते ऐसे में इसमें ज्यादा लोगों की जरुरत पड़ती है। चाणक्य की मानें तो खेती के काम में कम से कम पांच लोग जरूर होने चाहिए। तभी आपको बेहतर परिणाम मिलते हैं।
युद्ध- किसी भी युद्ध में जीत के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत होती है। जिस तरफ ज्यादा लोग होते हैं उस तरफ युद्ध में जीत की संभावना बढ़ जाती है। राजा भी युद्ध पर जाने से पहले सेना की संख्या को ध्यान में रखता है। ऐसे में जब भी आप किसी तरह की बड़ी लड़ाई लड़ने जा रहे हैं तो आपके साथ कई सहयोगी होने चाहिए।
तपस्या- चाणक्य की मानें तो तपस्या एक ऐसी चीज है जो कि हमेशा अकेले में की जानी चाहिए। तभी उसका पूरा फल मिल पाता है। कई लोगों के साथ की गई तपस्या मन विचलित कर देता है और लक्ष्य भी पूरा नहीं होता है ऐसे में तपस्या अकेले होगी तब ही आप अपनी मंजिल तक पहुंच पाएंगे।