नई दिल्ली। दिवाली का पर्व आने के अब कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। इस त्योहार की शुरूआत धनतेरस से हो जाती है। भगवान धन्वंतरि और माता लक्ष्मी को समर्पित ये त्योहार इस बार 22 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से सभी दुखों और कष्टों से छुटकारा मिलता है। साथ ही आरोग्यता का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। तो आइए जानते हैं कि धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने की विधि क्या है…
धनतेरस 2022 शुभ-मुहूर्त (Dhanteras)
धनतेरस की तिथि 22 अक्टूबर, शनिवार को शाम 06 बजकर 02 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 23 अक्टूबर की शाम 06 बजकर 03 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इस बार धनतेरस के दिन त्रिपुष्कर योग भी बन रहा है। इस योग में किए गए सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। ये योग दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस 2022 पूजन-सामग्री
शुद्ध देशी घी, केसर, दही , कुमकुम, चावल (अक्षत), श्रंगार का सामान, रुई, रोली, , सुपारी, पान का पत्ता, फूल-माला, धनिया खड़ा, सप्तधान्य, कुश, दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध देशी घी, दही, दूध, फल, इलायची (छोटी), लौंग, मौली, इत्र, यज्ञोपवीत, तुलसी, चावल (अक्षत), सप्तमृत्तिका, अबीर-गुलाल, चौकी, कपूर, कमलगट्टे, सिंदूर, नैवेद्य या मिष्ठान, पंच पल्लव (बड़, गूलर, पीपल, आम और पाकड़ के पत्ते), चांदी सिक्का, वस्त्र, एक सफेद और एक लाल कपड़ा, औषधि, दीपक, श्रीफल (नारियल), धान्य (चावल, गेहूं), लेखनी (कलम), हल्दी की गांठ आदि।
पूजा-विधि
1.धनतेरस के दिन सुबह जल्दी उठकर पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई कर लें।
2.अब स्नानादि करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
3.इसके बाद घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध कर भगवान गणेश का आवाहन कर उनकी पूजन करें।
4.अब षोडशोपचार विधि का प्रयोग करते हुए धन्वंतरि भगवान और मां लक्ष्मी की पूजा करें।
5.पूजा के दौरान भगवान धन्वंतरि और श्री गणेश-लक्ष्मी के साथ सभी देवी-देवताओं को फूल, अक्षत, धूप, दीप, भोग आदि अर्पित करें।
6.अंत में आरती कर भगवान को प्रणाम करें और प्रसाद सभी लोगों में वितरित करें।
7.सायंकाल के समय प्रदोष काल में घर के मुख्य दरवाजे पर दीया जलाकर भगवान धन्वंतरि देव और श्री लक्ष्मी-गणेश का ध्यान करते हुए सुख-समृद्धि की कामना करें।