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Janmashtami 2023: संतान प्राप्ति में आ रही है रुकावट?, तो आज जन्माष्टमी पर जरूर करें खीरे का ये उपाय

Janmashtami 2023: चलिए जानते हैं जन्माष्टमी की पूजा में कौन सी गलतियां आपको करने से बचना चाहिए। साथ ही जानेंगे कि जिन विवाहित जोड़ों को संतान प्राप्ति में परेशानी आ रही है वो कैसे इस जन्माष्टमी अपनी इस समस्या को दूर कर सकते हैं…

नई दिल्ली। देशभर में इस वक्त जन्माष्टमी (Janmashtami 2023) की धूम मची है। इस साल दो दिन 6 सितंबर और 7 सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जा रही है। बहुत से लोगों ने एक दिन पहले यानी 6 सितंबर को ही जन्माष्टमी मना ली थी। वहीं, कई लोग आज 7 सितंबर को जन्माष्टमी मना रहे हैं और व्रत भी कर रहे हैं। जन्माष्टमी (Janmashtami) के त्योहार भगवान विष्णु के धरती पर कृष्ण जी के जन्म के रूप में देखा जाता है। यही वजह है कि भक्त रात को 12 बजे कान्हा जी का जन्मदिन भी मनाते हैं। इस मौके पर कान्हा जी को नए वस्त्र पहनाए जाते हैं। तरह-तरह के भोग लगाए जाते हैं। कई लोग तो जन्माष्टमी पर केक भी काटते हैं। हालांकि कई बार अंजाने में लोग कुछ ऐसे काम कर देते हैं जो उन्हें नहीं करने चाहिए। ऐसे में उन्हें पूजा का फल नहीं मिलता तो चलिए जानते हैं जन्माष्टमी की पूजा में कौन सी गलतियां आपको करने से बचना चाहिए। साथ ही जानेंगे कि जिन विवाहित जोड़ों को संतान प्राप्ति में परेशानी आ रही है वो कैसे इस जन्माष्टमी अपनी इस समस्या को दूर कर सकते हैं…

Janmashtami 2023

जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र का मुहूर्त (Janmashtami 2023 Rohini Nakshatra Muhurat) 

जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र की शुरुआत एक दिन पहले यानी 6 सितंबर को सुबह 9 बजकर 20 मिनट से हो गई थी।

रोहिणी नक्षत्र आज 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर खत्म हो जाएगा।

Janmashtami 2023

जन्माष्टमी की पूजा में न करें ये गलती (Janmashtami Puja Rules)

इस बात का ख्याल रखें कि कभी भी कान्हा जी की पूजा में पुराने या मुरझाए फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। आपको जन्माष्टमी में पूजा के दौरान काले रंगों का भी इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। न सिर्फ जन्माष्टमी बल्कि दूसरी किसी पूजा में भी काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।

Janmashtami 2023

संतान के लिए करें ये उपाय (Janmashtami Upay)

जन्माष्टमी की पूजा में खीरे को शामिल जरूर किया जाता है। इसे श्रीकृष्ण के जन्म का प्रतीक के तौर पर देखा जाता है। मान्यता है कि जैसे प्रसव के दौरान गर्भनाल काटकर बच्चे और मां को अलग किया जाता है। ठीक उसी तरह जन्माष्टमी के दौरान डंठल वाले खीरे को काटकर कृष्ण जी का जन्मदिन मनाया जाता है। कहते हैं इसे कटे हुए खीरे को अगर किसी गर्भवती को खिलाया जाता है तो इससे संतान प्राप्ति होती है साथ ही आने वाली संतान सुंदर और सुयोग्य होती है।

डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए लेख की जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। NewsroomPost इस तरह की किसी जानकारी का दावा नहीं करता है।