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Happy Guru Purnima 2021: जानें गुरु पूर्णिमा का महत्व और कैसे करें उपासना

Happy Guru Purnima 2021: इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है और उसे यथाशक्ति दक्षिणा,पुष्प,वस्त्र आदि भेंट करता है। शिष्य इस दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है, तथा अपना सारा भार गुरु को दे देता है।

नई दिल्ली। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, अतः इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है अतः इस दिन वायु की परीक्षा करके आने वाली फसलों का अनुमान भी किया जाता है।

इस दिन शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है और उसे यथाशक्ति दक्षिणा,पुष्प,वस्त्र आदि भेंट करता है। शिष्य इस दिन अपनी सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है, तथा अपना सारा भार गुरु को दे देता है। इस बार गुरु पूर्णिमा का पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा।

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सामान्यतः हम लोग शिक्षा प्रदान करने वाले को ही गुरु समझते हैं परन्तु वास्तव में ज्ञान देने वाला शिक्षक बहुत आंशिक अर्थों में गुरु होता है। जन्म जन्मान्तर के संस्कारों से मुक्त कराके जो व्यक्ति या सत्ता ईश्वर तक पहुंचा सकती हो,ऐसी सत्ता ही गुरु हो सकती है। हिंदू धर्म में गुरु होने की तमाम शर्तें बताई गई हैं, जिसमें से प्रमुख 13 शर्तें निम्न प्रकार से हैं।

ऐसे करें उपासना

– गुरु को उच्च आसन पर बैठाएं।

– उनके चरण जल से धुलाएं और पोंछे।

– फिर उनके चरणों में पीले या सफेद पुष्प अर्पित करें।

– इसके बाद उन्हें श्वेत या पीले वस्त्र दें।

– यथाशक्ति फल,मिष्ठान्न दक्षिणा अर्पित करें।

– गुरु से अपना दायित्व स्वीकार करने की प्रार्थना करें।