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जाने और समझें भगवान श्रीकृष्ण के आसान चमत्कारिक मंत्र को

भगवान श्रीकृष्ण के इन विभिन्न मंत्रों के जाप से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शुभता बढ़ाने व सुख प्रदान करने में ये मंत्र अत्यन्त प्रभावी माने जाते हैं। मंत्रों के लाभकारी प्रभावों का विवरण भी दिया जा रहा है।

नई दिल्ली। भगवान श्रीकृष्ण के इन विभिन्न मंत्रों के जाप से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। शुभता बढ़ाने व सुख प्रदान करने में ये मंत्र अत्यन्त प्रभावी माने जाते हैं। मंत्रों के लाभकारी प्रभावों का विवरण भी दिया जा रहा है।

भगवान श्रीकृष्ण का मूलमंत्र

‘ कृं कृष्णाय नमः’

यह श्रीकृष्ण का मूलमंत्र है। इस मूलमंत्र का जाप अपना सुख चाहने वाले प्रत्येक मनुष्य को प्रातःकाल नित्यक्रिया व स्नानादि के पश्चात एक सौ आठ बार करना चाहिए। ऐसा करने वाले मनुष्य सभी बाधाओं एवं कष्टों से सदैव मुक्त रहते हैं।

सप्तदशाक्षर श्रीकृष्णमहामंत्र

‘ ऊ श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा’

यह श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। इस मंत्र का पांच लाख जाप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। जप के समय हवन का दशांश अभिषेक का दशांश तर्पण तथा तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है। जिस व्यक्ति को यह मंत्र सिद्ध हो जाता है उसे सबकुछ प्राप्त हो जाता है।

सात अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र

‘गोवल्लभाय स्वाहा’

इस सात (7) अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र का जाप जो भी साधक करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

आठ अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र

‘ गोकुल नाथाय नमः’

इस आठ (8) अक्षरों वाले श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं।

दशाक्षर श्रीकृष्ण मंत्र

‘ क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः’

यह दशाक्षर (10) मंत्र श्रीकृष्ण का है। इसका जो भी साधक जाप करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है।

द्वादशाक्षर श्रीकृष्ण मंत्र

‘ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय’

इस कृष्ण द्वादशाक्षर (12) मंत्र का जो भी साधक जाप करता है, उसे सबकुछ प्राप्त हो जाता है।

बाईस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र

‘ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्‌सों।’

यह बाईस (22) अक्षरों वाला श्रीकृष्ण का मंत्र है। जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसे वागीशत्व की प्राप्ति होती है।

तेईस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र

‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री’

यह तेईस (23) अक्षरों वाला श्रीकृष्ण का मंत्र है। जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसकी सभी बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं।

अट्ठाईस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र

‘ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा’

यह अट्ठाईस (28) अक्षरों वाला श्रीकृष्णमंत्र है। जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभिष्ट वस्तुएं प्राप्त होती हैं।

उन्तीस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र

‘लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा।’

यह उन्तीस (29) अक्षरों वाला श्रीकृष्णमंत्र है। इस श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक एक लाख जप और घी, शकर तथा शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर होम करते हैं, उन्हें स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

बत्तीस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र

‘नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा।’

यह बत्तीस (32) अक्षरों वाला श्रीकृष्णमंत्र है। इस श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक एक लाख बार जाप करता है तथा पायस, दुग्ध व शकर से निर्मित खीर द्वारा दशांश हवन करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

तैंतीस अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र

‘ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे। रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे॥’

यह तैंतीस (33) अक्षरों वाला श्रीकृष्णमंत्र है। इस श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं।

”कृं कृष्णाय नम”

1-इस मन्त्र के उच्चारण करने से मनुष्य को उसके अटके धन की प्राप्ति होती है तथा घर-परिवार में सुख सम्पति की वर्षा होती है।

2 ”ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा ” – भगवान श्री कृष्ण का यह मन्त्र साधारण नहीं है, यह सप्तदशाक्षर महामंत्र है। अन्य मन्त्र 108 बार जप करने से सिद्ध हो जाते है परन्तु इस मन्त्र का जाप एक लाख बार करने से सिद्ध होता है।

3 ”गोल्ल्भय स्वाहा” – यह मन्त्र दिखने में तो सिर्फ दो अक्षर के लग रहे है परन्तु इन मंत्रो में सात शब्दों का प्रयोग किया गया है। यदि इस मन्त्र के उच्चारण में थोड़ी सी भी चूक हो जाए तो यह मन्त्र सिद्ध नहीं होता है।

4  ”गोकुल नाथाय नम” – इस आठ अक्षरों वाले श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं। जी हां, अब वह इच्छा धन से संबंधित हो, भौतिक सुखों से संबंधित हो या किसी भी निजी कामना को पूरा करने के लिए हो। इस मंत्र का सही उच्चारण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

5 “क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नम” – आर्थिक स्थित को सुधारने वाले इस मन्त्र का उच्चारण प्रातः काल के समय करना उत्तम होता है। यह मंत्र न केवल धन की वर्षा करता है बल्कि परिवार में आये हर कष्ट को भी दूर कर देता है। यह मन्त्र बहुत ही शक्तिशाली माना गया है।

6 ”ॐ नमः भगवते श्रीगोविन्दाय ” – अभी तक हमने जितने भी मंत्रो का वर्णन किया है वे सभी घर में धन वृद्धि करते है और सुख सम्पति लाते है। परन्तु यह मन्त्र विवाह से संबंधित है। जिस किसी भी व्यक्ति का विवाह नहीं हो रहा या कोई व्यक्ति लव विवाह करना चाहता हो उसका इस मन्त्र की सिद्धि द्वारा विवाह हो जाता है। जो व्यक्ति विवाह इच्छुक हो तो उसे प्रातः उठकर स्नान आदि कर इस मन्त्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

7 ”ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो” – इस मन्त्र को उच्चारण करने में थोड़ी कठिनता महसूस होती है, परन्तु यह मन्त्र उतना ही प्रभावशाली है तथा व्यक्ति के वाणी में मधुरता लाती है। यहाँ वाणी से अभिप्राय व्यक्ति के न बोल पाने या गूंगे से नहीं है। यह मन्त्र ऐसी शक्ति प्रदान करता है की जिससे व्यक्ति की वाणी क्षमता मजबूत होती है तथा उस की बोली ही बाते सिद्ध होने लगती है।

8 “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री” – यह 23 अक्षरों का बहुत ही प्रभावशाली मन्त्र है जिसके जाप से व्यक्ति की हर प्रकार की बाधा का अंत होता है तथा व्यक्ति की घर में धन-दौलत की वर्षा होती है। ऐसी मान्यता है की इस 23 अक्षर के मंत्र का नित्य जाप करने से व्यक्ति के जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं आती तथा मनुष्य सदैव वैभव-सम्पन्न बना रहता है।

9  “ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा” – यह श्रीकृष्ण का 28 अक्षरों वाला मंत्र है, जिसका जाप करने से मनोवांछित फल प्राप्ति होते हैं। जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभीष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त होती हैं।

10 “लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा” – श्री कृष्ण के इस 29 अक्षर के मंत्रो के जाप को साधक यदि एक लाख बार जप के साथ शक़्कर , घी के साथ हवन करें तो वह स्थायी लक्ष्मी पा सकता है।

11 “नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा” – श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया यह मंत्र 32 अक्षरों वाला है। इस मंत्र के जाप से समस्त आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यदि आप किसी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो सुबह स्नान के बाद कम से कम एक लाख बार इस मंत्र का जाप करें। आपको जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा।