नई दिल्ली।इस बार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति ऐसी बनी है कि अमावस्या दो तिथि पर पड़ रही हैं। इस साल मौनी अमावस्या 1 फरवरी, मंगलवार को लग रही है। मंगलवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को भौमावती अमावस्या कहते हैं। इस दिन महोदय नामक दुर्लभ योग भी बन रहा है। हिंदू धर्म में सोमवार, मंगलवार और शनिवार को पड़ने वाली अमावस्या तिथि का खास महत्व होता है। इस दिन स्नान और दान का काफी महत्व है। माना जाता है कि आज के दिन दान करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। मौनी अमावस्या पर कुछ खास उपाय करके पितृदोष से भी मुक्ति मिलती है। ऐसे में पितरों के लिए सारे काम मौन रह कर किए जाते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं किस उपाय से आप पितृदोष दूर कर सकते हैं।
ऐसे करें पितृ पूजन
मौनी अमावस्या पर पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए पितरों का ध्यान करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस जल में लाल फूल और काले तिल डालें और फिर अपने पितरों की शांति की प्रार्थना करते हुए सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद आपको पीपल के पेड़ पर सफेद रंग की कोई मिठाई चढ़ानी चाहिए और 108 बार पीपल के पेड़ की परिक्रमा करें। आज के दिन दान का भी काफी महत्त होता है। ऐसे में आप किसी जरूरतमंद को तिल के लड्डू, तिल का तेल और कंबल जैसी चीजें दान कर सकते हैं साथ ही इससे आपको पुण्य भी मिलेगा।
गंगा स्नान का विशेष महत्व
शास्त्रों के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन मौन धारण किया जाता है। जिससे विशेष ऊर्जा मिलती है। गंगा स्नान से सभी पापों से छुटकारा मिलता है। अगर कोई किसी कारण से गंगा स्नान करने नहीं जा सकता वो किसी भी दूसरी नदी या सरोवर तट आदि में स्नान कर सकता है। इससे भी पूरा पुण्य मिलेगा।