नई दिल्ली। हिंदू का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली जल्दी ही आने वाला है। इस दिन लोग अपने पूरे परिवार के साथ भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। साथ ही पटाखे फोड़कर पूरे जोश और उत्साह के साथ इस त्योहार का जश्न मनाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कार्तिक मास की अमावस्या के दिन भगवान राम 14 वर्षों का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। श्री राम के स्वागत में अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में घी के दिए जलाए थे। उसी दिन से इस परंपरा का आरंभ हो गया। लेकिन इस साल दीपावली और धनतेरस के शुभ समय से पहले एक अति विशिष्ट और शुभ योग का निर्माण हो रहा है। कहा जाता है कि शुभ योगों में कुछ विशेष उपाय करने से काफी लाभ मिलता है साथ ही प्रत्येक कार्य में सफलता भी प्राप्त होती है। तो आइए जानते हैं इस बार बनने वाला ये शुभ योग कौन सा है और उसका महत्व क्या है…
शुभ-योग
इस बार दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर को और धनतेरस 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। लेकिन उससे पहले मंगलवार, 18 अक्टूबर को बहुत खास पुष्य नक्षत्र (योग) का निर्माण हो रहा है, जिसे खरीददारी के लिहाज से काफी अच्छा माना जाता है। ये नक्षत्र 18 अक्टूबर 2022 को यानी कार्तिक कृष्ण अष्टमी तिथि पर सुबह 5.14 बजे से लेकर अगले दिन यानी 19 अक्टूबर की सुबह 8.02 बजे तक बना रहेगा। वहीं, सिद्ध योग 18 अक्टूबर की शाम 4.53 बजे तक रहेगा। उसके बाद साध्य योग लग जाएगा।
पुष्य नक्षत्र का महत्व
ज्योतिर्विदों के अनुसार, पुष्य नक्षत्र, सिद्ध योग और साध्य योग में की गई खरीददारी बहुत फलदायी मानी जाती है। इस शुभ योग में सोना-चांदी, भूमि, भवन, वाहन, बहीखाते और कलम-दवात, सभी प्रकार की चल-अचल संपत्ति की खरीदारी काफी शुभ मानी जाती है। इसके अलावा, इस 18 अक्टूबर के दिन ही तुला संक्रांति भी पड़ेगी, क्योंकि इस दिन सूर्यदेव कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेंगे।