नई दिल्ली। मां शक्ति को समर्पित नवरात्रि का शुभारंभ 2 अप्रैल से हो चुका है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में नौ दिनों तक मां के के 9 रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। आज नवरात्रि का दूसरा दिन का आज मां शक्ति के द्वितीय स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा करने का विधान है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता मिलती है और वो अपने हर कार्य में विजय प्राप्त करता है। मां ब्रह्मचारिणी को दुष्टों को सन्मार्ग दिखाने वाली माता माना जाता है। ब्रह्मचारिणी माता की भक्ति से व्यक्ति में तप की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम और वैराग्य जैसे गुणों में बढ़ोत्तरी होती है, जो व्यक्ति सफलता के लिए बहुत उपयोगी माने जाते हैं। आइए जानते हैं, मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- विधि और शुभ मुहूर्त…
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:37 से 05:23 सुबह तक
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:50 दोपहर तक
विजय मुहूर्त- शाम 02:30 से 03:20 शाम तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06:27 से 06:51 शाम तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 06:09 से 12:37 शाम तक
निशिता मुहूर्त- सुबह 12:01, अप्रैल 04 से 12:47 सुबह, अप्रैल 04 तक
पूजा- विधि
इस दिन सुबह उठकर जल्दी स्नानादि करने के बाद घर के पूजा-स्थल की गंगाजल से शुद्धि कर लें। अब घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर मां शक्ति का गंगा जल से अभिषेक करें। इसके बाद मां दुर्गा को अर्घ्य देकर उन्हें अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें। प्रसाद के रूप में फल और मिठाई भी चढ़ाएं। इसके बाद मां को सात्विक चीजों का भोग लगाकर कपूर, धूप और दीपक आदि जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और मां की आरती करें। मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल और कमल का फूल अर्पित करें, ये माता को बेहद प्रिय हैं। मां को भोग में चीनी, मिश्री और पंचामृत, दूध और दूध से बने व्यंजन का भोग लगाएं ये चीजें माता को बेहद पसंद हैं। इसके अलावा अगर आप माता को प्रिय वस्तुओं का दान करते हैं तो इससे भी माता प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को लंबी आयु का वर देती हैं।
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