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Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर क्यों जरूरी होता है दान और स्नान, जानिए

Makar Sankranti 2022: वैसे तो हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना अलग महत्व होता है। कुछ इस तरह ही मकर संक्रांति के दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने का अपना एक अलग महत्व है। कहते हैं इस दिन पवित्र नदियों में किए गए स्नान से मोक्ष मिलता है।

नई दिल्ली। देशभर में 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाएगा। इस त्योहार (मकर संक्रांति) को उत्तरायण के साथ ही और नामों से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलते हैं। इसके साथ ही शुक्र का उदय भी मकर संक्रांति पर ही होता है। ऐसे में मकर संक्रांति से सभी शुभ कामों की शुरूआत हो जाती है। इस दिन दाम और स्नान का भी खास महत्व होता है। तो चलिए आपको बताते हैं मकर संक्रांति पर क्यों जरूरी होता है स्नान और दान

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बाकी दिनों से ज्यादा फलदायी

मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना का खास महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इन दिन किए गए दान-पुण्य का फल बाकि दिनों में किए गए दान से कई गुना ज्यादा फलदायी होता है। है। इस दिन तिल-गुड़, चावल-दाल की खिचड़ी आदि का दान करना शुभ माना जाता है। ऐसे में लोग इस दिन ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को दान करते हैं। पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में मकर संक्रांति का दिन नई फसल काटने का समय होता है। ऐसे में किसान इसे आभार दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन तिल और गुड़ की बनी मिठाई भी बांटी जाती है साथ ही कई जगहों पर पतंग उड़ाने की भी परंपरा है।

आस्था की डुबकी लेने से मिलता है मोक्ष

वैसे तो हिंदू धर्म में हर त्योहार का अपना अलग महत्व होता है। कुछ इस तरह ही मकर संक्रांति के दिन गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाने का अपना एक अलग महत्व है। कहते हैं इस दिन पवित्र नदियों में किए गए स्नान से मोक्ष मिलता है। यही कारण है कि इस दिन ज्यादातर लोग इस दिन स्नान के लिए जरूर जाते हैं। कई जगहों पर इस दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है। मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के दौरान सूर्यदेव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे व्यक्ति के जीवन में कई तरह के सुखद बदलाव भी आते हैं।