मुंबई। लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन यानी जीवन बीमा निगम LIC का आईपीओ अगले महीने तक आ जाएगा। इस आईपीओ पर सबकी नजर है, क्योंकि भारत सरकार का ये उपक्रम पहली बार लिस्टिंग के लिए जाने वाला है। एलआईसी देश की सबसे बड़ी सरकारी कंपनियों में से एक है। सरकार इसमें अपने 5 फीसदी शेयर आम लोगों, एलआईसी के ग्राहकों और स्टाफ के लिए बेचने जा रही है। माना जा रहा है कि आईपीओ में एलआईसी के एक शेयर का मूल्य 2500 से 3000 तक के ब्रैकेट में रखा जा सकता है। आईपीओ से सरकार को उम्मीद है कि एलआईसी 1500000 करोड़ की वैल्यू वाली कंपनी बन जाएगी। बीते रविवार को सेबी को इस आईपीओ के लिए एलआईसी के प्रबंधन ने सारे दस्तावेज सौंप दिए हैं।
अब जरा ये भी जान लीजिए कि एलआईसी के आईपीओ की इतनी चर्चा क्यों है। एलआईसी का ऐसेट अंडर मैनेजमेंट सभी प्राइवेट लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के कुल ऐसेट अंडर मैनेजमेंट से 3.3 गुना से भी ज्यादा है। वहीं, स्टेट बैंक के ऐसेट अंडर मैनेजमेंट से ये 16 गुना से भी बड़ा है। कंपनी के पास कुल इक्विटी होल्डिंग भी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज NSE के कुल मार्केट कैप का 4 फीसदी है। अंतरराष्ट्रीय फर्म मिलिमन एडवाइजर्स ने एलआईसी का एम्बेडेड मूल्य 5.4 लाख करोड़ रुपए आंका है। इस कंपनी के पास बीते साल मार्च तक 28.3 करोड़ पॉलिसी थी और बाजार में 66 फीसदी की हिस्सेदारी आंकी गई थी। इस तरह ये दुनिया की तीसरे नंबर की कंपनी में शुमार हो चुकी थी।
एलआईसी का मूल्यांकन करीब 64772 करोड़ रुपए का है। लंदन की ब्रांड फाइनेंस का मानना है कि एलआईसी का बाजार मूल्यांकन 2022 तक 43.40 लाख करोड़ रुपए है। इसका मूल्यांकन 2020 में 8.11 अरब डॉलर था। रिपोर्ट के अनुसार एलआईसी अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले 84.1 अंक के साथ पहले पायदान पर है। इसी वजह से 5 फीसदी शेयर बेचकर मोदी सरकार अपने वित्तीय घाटे और खर्चे को संभालने की कोशिश में जुटी है। विनिवेश मंत्रालय (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय के मुताबिक इसी वित्तीय वर्ष में इसका आईपीओ आएगा। ये बात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने हाल के बजट भाषण में भी कही थी।