नई दिल्ली। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद के वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 फीसद पर बरकरार रखा है। वहीं, केंद्रीय बैंक ने अपने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.1 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत कर दिया है। बता दें कि आम उपभोक्ताओं की जरूरतों की वस्तुओं की कीमत में हो रहे इजाफे को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने उक्त कदम उठाया है। जिस पर गौड़ ग्रुप व चेयरमैन क्रेडाई मनोज गौड़ ने कहा कि, ‘संतुलन बनाए रखने के लिए आरबीआई द्वारा रेपो दर में बढ़ोतरी नहीं किया जाना घर खरीदारों और रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ अच्छी तरह से मेल खाता है। यह विकास क्षेत्र को एक नई निश्चितता प्रदान करता है कि आरबीआई दर को लेकर जल्द ही कड़ा रुख नहीं अपनाएगा। यदि अर्थव्यवस्था अपनी प्रगति जारी रखती है तो भविष्य में कटौती भी हो सकती है। 6.5 प्रतिशत की वर्तमान दर अभी भी उच्च स्तर पर है और कम से कम किफायती हाउसिंग सेगमेंट के लिए चिंता का विषय है।’
वहीं, एसकेए ग्रुप के निदेशक संजय शर्मा ने कहा कि, ‘आरबीआई ने लगातार तीसरी बार यथास्थिति बरकरार रखते हुए रेपो रेट को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। यह निरंतर रवैया वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में आरबीआई के विश्वास को दर्शाता है और संभावित घर खरीदारों के लिए आश्वासन की मार्गदर्शक रोशनी के रूप में कार्य करता है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि नियमित रूप से मुद्रास्फीति के विकास को देखकर रियल एस्टेट क्षेत्र किसी भी वित्तीय चुनौतियों का सामना किए बिना बढ़ सके’।
मिग्सन ग्रुप के एमडी यश मिगलानी ने कहा कि, ‘आरबीआई का 6.5 फीसदी पर लगातार रेपो दर बनाए रखना रियल एस्टेट क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में शानदार कदम है। यह कदम निवेश और आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देगा और मुद्रास्फीति के दबावों से बचाएगा। आरबीआई का निर्णय एक मजबूत और स्थायी रेसिडेंशियल मार्केट को बढ़ावा देगा। मुद्रास्फीति के रुझान की उचित निगरानी और बहुत जरूरी हस्तक्षेप रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए शानदार विकास सुनिश्चित करते हैं। हम आने वाले वर्षों में रियल एस्टेट क्षेत्र में अपरिवर्तित वृद्धि के बेहतर परिणाम देखने के लिए उत्सुक हैं’।
साया ग्रुप के सीएमडी विकास भसीन का कहना है कि, ‘हमारा मानना है कि 6.5% की अपरिवर्तित रेपो दर आरबीआई द्वारा बदलते दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण संकेत है। उच्च ईएमआई और ब्याज दरों से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, यह निर्णय निवेशकों के विश्वास को मजबूत करेगा और क्षेत्र के विकास को गति देगा। एनसीआर में आशावादी रियल एस्टेट परिदृश्य से उच्च स्तरीय परियोजनाओं में निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ब्याज दरें स्थिर रहने से मध्यम आय समूहों का रियल एस्टेट निवेश में विश्वास भी बढ़ेगा’।
केडब्ल्यू समूह के सीएमडी पंकज कुमार जैन ने कहा कि, ‘रेपो दर को बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय भारत के आर्थिक विकास पथ में आशावाद को दर्शाता है। इस निर्णय से खुदरा सहित आवासीय और वाणिज्यिक दोनों क्षेत्रों पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। हालाँकि, वर्तमान प्रतिनिधि पहले से ही अपने चार साल के उच्चतम स्तर पर है। इसलिए, आरबीआई से हमारी हार्दिक अपील होगी कि वह अपनी अगली एमपीसी बैठक में रेपो रेट कम करे’।