newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

आज से शुरू होनेवाला है कोरोना वैक्सीन COVAXIN का ह्यूमन ट्रायल, जानें खास बातें

भारत बायोटेक की ओर से बनाई गई पहले की वैक्सीन दुनियाभर के देशों में जाती हैं। भारत बायोटेक कंपनी ने इससे पहले पोलियो, रेबीज, चिकनगुनिया, जापानी इनसेफ्लाइटिस, रोटावायरसऔर जिका वायरस के लिए भी वैक्सीन बनाई है।

नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इसके वैक्सीन की खोज जारी है। ऐसे में भारत की फार्मास्‍यूटिकल कंपनी भारत बायोटेक भारतीय चिकित्‍सा अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर मंगलवार(7 अगस्त) से कोविड-19 की संभावित वैक्‍सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर रही है। इस वैक्सीन के ट्रायल के लिए देश के 12 संस्थानों को चुना गया है, जिसमें से एक पटना एम्स है।

corona vaccine trial

पहले फेज का ट्रायल

ट्रायल के पहले फेज में सुरक्षा के साथ कम लोगों पर ट्रायल किया जाएगा। अगर इसमें सफलता मिली तो दूसरे और तीसरे स्टेज में पटना एम्स के डॉक्टर और वैक्सीन बनाने वाली कंपनी के साथ केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और वैज्ञानिकों की टीम के नेतृत्व में ट्रायल होगा। गौरतलब है कि इसका पहला फेज 3 अगस्त तक चलेगा।

3 अगस्त तक पहला फेज

इसको लेकर कंपनी भारत बायोटेक का कहना है कि, आज अगर किसी को वैक्सीन लगाई जाती है तो उसे इस वैक्सीन की दूसरी डोज़ 14 दिन के बाद ही दी जाएगी। इस लिहजा से पहला फेज पूरा होने में 28 दिन का समय लगेगा। ऐसे में 3 अगस्त को कोवैक्सीन का पहला फेज पूरा किया जा सकेगा।

corona india

एम्‍स की एथिक्‍स कमेटी ने दिया सुझाव

वहीं इसके ट्रायल को लेकर एम्‍स की एथिक्‍स कमेटी ने आईसीएमआर और सरकार को सुझाव दिया है कि वैक्‍सीन के ह्यूमन ट्रायल के प्रोटोकॉल के 11 प्‍वाइंट्स में सुधार किया जाए। उसके अनुसार अगर ये सुधार होते हैं तो इससे ह्यूमन ट्रायल और अधिक व्‍यावहारिक और सटीक हो पाएगा। वहीं आईसीएमआर के प्रोटोकॉल के मुताबिक ह्यूमन ट्रायल फास्‍ट ट्रैक आधारित होना चाहिए। यह भी कहा गया है कि अगर सैंपल टारगेट अधिक हो तो ट्रायल के नतीजे और अधिक सटीक आएंगे।

अभी जो प्रोटोकॉल है, उसके अनुसार कोवैक्सिन के ह्यून ट्रायल में कोरोना वायरस पर इसके असर, शरीर के अंदर और बाहर इसके असर, वैक्‍सीन के साइड इफेक्‍ट और रोग प्रतिरोधक पर इसके असर को देखा जाना है। साथ ही यह दो चरणों में होना है। पहले चरण में 18 से 55 साल के लोगों और दूसरे चरण में 12 से 65 साल तक के लोगों पर यह ट्रायल होगा। पिछले दिनों ऐसा कहा गया था कि 15 अगस्‍त तक इस वैक्‍सीन की घोषणा हो सकती है।

तो क्या 15 अगस्त तक आ जाएगा टीका

चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा कोविड-19 का टीका जल्दबाजी में नहीं बनाने की सलाह के बाद आईसीएमआर ने 15 अगस्त तक कोरोना वायरस के टीके को लाने की योजना के तहत क्लीनिकल परीक्षण की प्रक्रिया तेज करने के कदमों का बचाव करते हुए शनिवार को कहा कि प्रक्रिया पूरी तरह वैश्विक रूप से स्वीकार्य नियमों के अनुरूप है।

Bharat Biotech

भारत बायोटेक कंपनी

बता दें कि भारत बायोटेक की ओर से बनाई गई पहले की वैक्सीन दुनियाभर के देशों में जाती हैं। भारत बायोटेक कंपनी ने इससे पहले पोलियो, रेबीज, चिकनगुनिया, जापानी इनसेफ्लाइटिस, रोटावायरसऔर जिका वायरस के लिए भी वैक्सीन बनाई है।