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कोरोना काल में भारत की बड़ी उपलब्धि पहले विदेश से आती थी अब हर दिन देश में बनती है इतनी लाख पीपीई किट

भारत ने अपनी इस क्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी की है। 30 मार्च से पहले तक भारत में सालाना 85 हजार पीपीई की विदेशों से सप्लाई होती थी। 30 मार्च तक भारत में 3312 किट बनती थी।

नई दिल्ली। कोरोना काल में भारत की स्थिति विश्व के दूसरे देशों की तुलना में बेहद ही बेहतर है। दूसरे देशों की तुलना में भारत में कोरोना प्रभावित लोगों की संख्या और उससे होने वाली मौतें बेहद कम हैं। इस बीच भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि अपने खाते में डाल ली है। भारत ने हर दिन पीपीई यानि पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट का बेतहाशा निर्माण शुरू कर दिया है।

Corona

कोरोना से पहले तक इस सबके लिए विदेशों से आयात की जरूरत पड़ती थी। विदेशों से पीपीई और एन-95 मास्क भारत में आते थे लेकिन पिछले एक महीने में नया रिकॉर्ड बना दिया है। भारत हर दिन 1.87 लाख पीपीई बना रहा है। देश में इस वक्त 107 कंपनियां पीपीई बना रही हैं जबकि चार कंपनियों को एक दिन पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

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भारत ने अपनी इस क्षमता में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी की है। 30 मार्च से पहले तक भारत में सालाना 85 हजार पीपीई की विदेशों से सप्लाई होती थी। 30 मार्च तक भारत में 3312 किट बनती थी। 6 अप्रैल तक इनकी संख्या 11,027 हो गई। 13 अप्रैल तक 31,270 किट बनने लगी थी। 20 अप्रैल तक ये तिगुनी के करीब हो गई और प्रतिदिन 88,093 किट बननी शुरू हो गई। 30 अप्रैल को यह संख्या 1.86 लाख तक पहुंच गई।

केंद्र सरकार के दिए हुए आंकड़े हौसले बढ़ाने वाले हैं। इन आंकड़ों के अनुसार देश में पीपीई की आपूर्ति पर्याप्त बनाने के लिए 2.22 करोड़ का ऑर्डर दिया जा चुका है। इनमें से 1.42 करोड़ पीपीई का ऑर्डर घरेलू कंपनियों को दिया जा चुका है। अभी तक 17.37 लाख पीपीई की आपूर्ति इन कंपनियों से हो चुकी है।