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गठिया के इलाज में काम आने वाली दवा है कोरोना के इलाज में असरदार, स्टडी का दावा

स्टडी के मुताबिक सिर्फ रेमडेसिवीर(Remdesivir ) दवा लेने वाले कोरोना के मरीजों को अस्पताल से चार दिनों में छुट्टी मिली जबकि रेमडेसिवीर के साथ बार्सिक्टिनिब दवा भी लेने वाले मरीजों को अस्पताल से तीन दिनों में छुट्टी मिल गई।

नई दिल्ली। कोरोना महामारी अब पूरी दुनिया में अपना प्रकोप दिखा रही है। इसके वैक्सीन को लेकर हर कोई उम्मीद से वैज्ञानिकों की तरफ देख रहा है। ऐसे में अब एक नए स्टडी में पता चला है कि, एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं कोरोना के मरीजों को जल्दी ठीक करने का काम कर रहीं हैं। दुनियाभर में जारी कोरोना के वैक्सीन के ट्रायल के बीच यह खबर फायदेमंद साबित हो सकती है।

Vaccine

इस स्टडी को US नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज ने 1000 लोगों पर किया है। स्टडी के नतीजे अमेरिका की दवा कंपनी एली लिली ने जारी किए हैं। इस स्टडी के नतीजे ना तो अभी कहीं प्रकाशित हुए हैं और ना ही किसी वैज्ञानिक द्वार इसकी समीक्षा की गई है। इस स्टडी में बार्सिक्टिनिब (Baricitinib) दवा का टेस्ट किया गया। इस दवा को एली लिली कंपनी पहले से ही Olumiant नाम से गठिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा के रूप में बेच रही है।

Oxford University Corona Vaccine

स्टडी में शामिल सभी प्रतिभागियों ने रेमडेसिवीर दवा ली थी। स्टडी के मुताबिक सिर्फ रेमडेसिवीर दवा लेने वाले कोरोना के मरीजों को अस्पताल से चार दिनों में छुट्टी मिली जबकि रेमडेसिवीर के साथ बार्सिक्टिनिब दवा भी लेने वाले मरीजों को अस्पताल से तीन दिनों में छुट्टी मिल गई। दवा कंपनी एली लिली ने कहा कि उसने रेगुलेटर्स के साथ अस्पताल में भर्ती Covid-19 के मरीजों को इमरजेंसी इस्तेमाल के तहत बार्सिक्टिनिब दवा देने की योजना बनाई है।

bcg vaccine

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व अधिकारी डॉक्टर जेसी गुडमैन ने कहा कि ये भी जानना जरूरी है कि इनमें से कितने मरीजों नें स्टेरॉयड दवाएं ली हैं। स्टेरॉयड दवाएं लेने वाले मरीजों में कोरोना के गंभीर मरीजों में मरने के खतरे को कम करती हैं।