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CBSE बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को लेकर लिया जाएगा बड़ा फैसला, जानिए राज्यों ने दिया है क्या सुझाव

12th board exams: मध्य प्रदेश सरकार जून में होने वाली मीटिंग का इंतजार कर रही है, उसके बाद ही बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला लेगी। पंजाब और ओडिशा भी अभी इंतजार के मूड में नजर आ रही हैं।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को CBSE बोर्ड की 12वीं की परीक्षा को लेकर अपने आखिरी सुझाव भेजने के लिए 25 मई तारीख दी है। बता दें कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और सीबीएसई के अधिकारियों के बीच आगामी एक जून को बैठक होगी। माना जा रहा है कि इसी बैठक में 12वीं की बोर्ड परीक्षा पर अंतिम मुहर लगेगी। परीक्षा होगा या नहीं, इसी बैठक के बाद निष्कर्ष निकलेगा। गौरतलब है कि, केंद्र के साथ मीटिंग में अधिकांश राज्यों ने परीक्षा करवाने को लेकर कहा है कि, कोरोना से हालात और बेहतर हो जाएं, तब परीक्षा करवाई जाय। इससे साफ है कि अभी अधिकतर राज्य हालात और ठीक होने का इंतजार करना चाहते हैं। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर शामिल हुए।

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इस बैठक में इन केंद्रीय मंत्रियों के अलावा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव भी बैठक में शामिल रहे।कोरोना के कारण जिस तरह के हालात बने हैं, उसमें बोर्ड परीक्षा को लेकर राजस्थान ने फैसला किया है कि 12वीं बोर्ड के एग्जाम को लेकर अंतिम फैसला जून के पहले हफ्ते में लिया जा सकता है। वहीं राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने जानकारी दी कि, अभी हालात को देखते हुए 6 जून तक परीक्षाएं टाल दी गई हैं। तय तारीख तक कोरोना के जिस तरह के हालात होंगे उसे देखते हुए फैसला लिया जाएगा।

राजस्थान

बता दें कि राजस्थान में कोरोना के चलते कक्षा 8, 9 और 11वीं के छात्रों को बिना किसी परीक्षा के अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जा रहा है। सीबीएसई ने कक्षा 12वीं की परीक्षाओं को स्थगित करने और कक्षा 10वीं की परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला लिया तो राजस्थान सरकार ने भी बोर्ड परीक्षाएं टाल दीं।

छत्तीसगढ़

वहीं परीक्षाओं को लेकर अभी बिहार की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। इस बीच छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 1 जून से 12वीं कक्षा की परीक्षाएं कराएगा। इसके लिए छात्रों को चुनिंदा केंद्रों से प्रश्नपत्र लेने, उन्हें घर ले जाने और पांच दिन के भीतर उत्तर पुस्तिका जमा कराने की अनुमति दी जाएगी। ऐसे में आदेश के मुताबिक 12वीं कक्षा के छात्रों को चयनित केंद्रों से प्रश्नपत्र और खाली उत्तर पुस्तिका लेने के लिए 1 जून से 5 जून तक पांच दिनों का समय दिया जाएगा। वे इन पांच दिनों में से किसी भी दिन प्रश्नपत्र ले सकते हैं।

कर्नाटक और तमिलनाडु

कर्नाटक और तमिलनाडु की बात करें तो, तमिलनाडु सरकार ने अपनी तरफ से प्रस्ताव दिया कि कोरोना वायरस के चलते बनी स्थिति सुधरने के बाद राज्य में परीक्षा करायी जा सकती है। राज्य के स्कूली शिक्षा मंत्री अनबिल महेश पोयामोझी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “अन्य राज्यों की तरह तमिलनाडु भी 12वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करना चाहता है, क्योंकि यह छात्रों के कैरियर को लेकर महत्वपूर्ण होता है।” वहीं कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री एस सुरेश कुमार ने कहा कि छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए 12वीं कक्षा की परीक्षा आयोजित करना महत्वपूर्ण है।

उत्तर प्रदेश

वहीं उत्तर प्रदेश में परीक्षा करवाने के बहुत चांसेस हैं। बता दें कि यूपी में 10वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित होने के आसार कम ही हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने स्कूलों से 9वीं की सालाना परीक्षा, 10वीं की छमाही परीक्षा और प्री बोर्ड के अंक वेबसाइट पर अपलोड करने को कहा है। इसी आधार पर 10वीं के परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा पास करने की संभावनाओं पर राज्य सरकार विचार कर रही है। दरअसल यूपी बोर्ड ने जो आंकड़े मांगे हैं, उसकी विश्वसनीयता को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं। इसके अलावा समस्‍या यह भी है कि पिछले साल भी कोरोना संकट के चलते छात्रों को 9वीं कक्षा में बिना परीक्षा के प्रमोट कर दिया गया था, ऐसे में नंबर कहां से आएंगे।

महाराष्ट्र-बंगाल

इसके अलावा महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार भी परीक्षाएं करवाने के पक्ष में हैं। हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार ने जून में होने वाली 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंधोपाध्याय ने कहा है कि, जून में कोई माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। वहीं बोर्ड परीक्षा का महाराष्ट्र सरकार सीधे तौर पर कोई विरोध नहीं किया, लेकिन राज्य सरकार कोरोना से बने हालात के सुधरने का इंतजार कर सकता है। महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ का कहना है कि छात्रों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है।

cbse boad

मध्य प्रदेश, दिल्ली, झारखंड

वहीं मध्य प्रदेश सरकार जून में होने वाली मीटिंग का इंतजार कर रही है, उसके बाद ही बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कोई फैसला लेगी। पंजाब और ओडिशा भी अभी इंतजार के मूड में नजर आ रही हैं। राज्यों का कहना है कि, छात्रों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। दिल्ली सरकार भी परीक्षा करवाने के पक्ष में नहीं है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि कोरोना संकट के समय बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ कर बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन करवाना बहुत बड़ी नासमझी होगी। दिल्ली की भांति झारखंड ने भी साफ किया है कि, छात्रों की सुरक्षा पहले है।