newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Kabir Khan: ‘मेरा नाम खान है..सिर्फ इसलिए लोग देते हैं पाकिस्तान जाने की सलाह’- कबीर खान

Kabir Khan: कबीर खान का कहना है कि सोशल मीडिया पर फिल्मों को लेकर गुट बन गए हैं और नेगेटिविटी हद से ज्यादा हो चुकी है। कबीर खान ने ये बाते एक चैनल में दिए इंटरव्यू के दौरान कहीं। इस दौरान डायरेक्टर आनंद एल राय और नागेश कुकनूर डायरेक्टर भी मौजूद रहे।

नई दिल्ली। बजरंगी भाईजान, एक था टाइगर, सुल्तान और फैंटम जैसी फिल्में डायरेक्ट वाले डायरेक्टर कबीर खान ने हाल ही में 83 फिल्म को पर्दे पर उतारा है। फिल्म को फैंस की तरफ से अच्छा खासा रिस्पांस मिला है। हालांकि कबीर खान का कहना है कि सोशल मीडिया पर फिल्मों को लेकर गुट बन गए हैं और नेगेटिविटी हद से ज्यादा बढ़ चुकी है। कबीर खान ने ये बाते एक चैनल में दिए इंटरव्यू के दौरान कहीं। इस दौरान डायरेक्टर आनंद एल राय और नागेश कुकनूर डायरेक्टर भी मौजूद रहे। कबीर खान ने इस दौरान हॉलीवुड और बॉलीवुड फिल्मों के अंतर के बारे में भी खुलकर बात की।

सोशल  मीडिया पर फैली नेगेटिविटी

राष्ट्रवाद और देशप्रेम जैसे मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए कबीर खान ने कहा कि आज राष्ट्रवाद और देशप्रेम दोनों में ही अंदर आ गया है। लोग सहूलियत के हिसाब से इसकी परिभाषा को गड़ते हैं। राष्ट्रवाद के लिए आपको एक विलेन चाहिए जबकि देशभक्ति के लिए कोई काउंटर प्वाइंट नहीं चाहिए होता है। उन्होंने कहा कि मैंने खुद ऐसी कई फिल्में बनाई हैं जिसमें मैंने देश के झंडे का इस्तेमाल किया है लेकिन वो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर नहीं चली। सोशल मीडिया के बारे में बात करते हुए कबीर खान ने कहा कि सोशल मीडिया ऐसा प्लेटफार्म है जहां लोग अपने विचार रख सकते हैं लेकिन लोगों ने इस ज्यादा खुले तौर पर ले लिया है। लोग कुछ भी कहने से पीछे नहीं हटते हैं। पहले के मुकाबले सोशल मीडिया पर नेगेटिविटी बढ़ गई है।

लोग देते हैं पाक जाने की सलाह

उन्होंने कहा कि मेरा नाम खान है और ज्यादातर लोग मुझे पाकिस्तान जाने की सलाह देते हैं जबकि मैं जब एक बार पाकिस्तान गया था तो वहां मुझसे कहा गया बैक टू इंडिया….मतलब मैं तो कहीं का रहा ही नहीं। वहीं आज कल की फिल्मों पर बात करते हुए डायरेक्टर आनंद एल राय ने कहा कि मैं हमेशा उन कहानियों को चुनने पर विश्वास रखता हूं..जिन्हें आज की जनरेशन सुनने पर विश्वास रखती है।अब मेरे पास वो ऑडियंस है जिसे मैं अपनी कहानी सुना सकता हूं।