मुंबई। मशहूर फिल्मकार और पटकथा लेखक बासु चटर्जी का गुरुवार को मुंबई में उम्र संबधी बीमारियों के चलते 93 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह ‘रजनीगंधा’ और ‘चितचोर’ जैसी बेहतरीन फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। गुरुवार अपराह्न् दो बजे सांताक्रूज श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
फिल्ममेकर बासु चटर्जी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ‘बासु चटर्जी के निधन की खबर से दुखी हूं। उनका काम शानदार और संवेदनशील था। उनके काम ने लोगों को दिलों को छुआ। उन्होंने लोगों के संघर्ष को पर्दे पर साधारण और जटिल भावनाओं के साथ दिखाया। उनके परिवार और अनगिनत प्रशंसकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ओम शांति।। ‘
Sad to hear of the demise of Shri Basu Chatterjee. His works are brilliant and sensitive. It touched people’s hearts and represented the simple and complex emotions, as well as struggles of people. Condolences to his family and innumerable fans. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 4, 2020
इससे पहले फिल्मकार अशोक पंडित ने उनके निधन की पुष्टि की, जो इंडियन फिल्म एंड टीवी डायरेक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। पंडित ने ट्वीट करते हुए कहा, “दिग्गज फिल्मकार बासु चटर्जी के निधन के बारे में आप सभी को बेहद दुख के साथ सूचित कर रहा हूं। यह फिल्म उद्योग के लिए एक भारी क्षति है। आपकी याद आएगी सर।”
I am extremely grieved to inform you all of the demise of Legendary Filmmaker #BasuChatterjee ji. His last rites will be performed today at Santacruz West (Opp Police station )crematorium at 3 pm.
It’s a great loss to the industry. Will miss you Sir. #RIPBasuChaterjee pic.twitter.com/2Jlu3AqdVX
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) June 4, 2020
चटर्जी ने सत्तर के दशक में कई यादगार फिल्में बनाई हैं, जिन्हें आज भी दर्शकों द्वारा खूब पसंद किया जाता है। ऋषिकेश मुखर्जी के साथ बासु चटर्जी भी कम बजट में फिल्में बनाकर पेश करते थे, जिनमें सामान्यत: एक आम आदमी की कहानी दिखाई जाती थी।
‘छोटी सी बात’ (1975), ‘चितचोर’ (1976), ‘रजनीगंधा’ (1974) और ‘बातों बातों में’ (1979) जैसी उनकी फिल्मों में अमोल पालेकर मुख्य किरदारों में रहे हैं, जिनके माध्यम से उन्होंने यथार्थवादी, आम इंसान की कहानी को दर्शकों के सामने लेकर आए। बात टेलीविजन की करें, तो चटर्जी दूरदर्शन पर ‘ब्योमकेश बख्शी’ और ‘रजनी’ जैसे हिट धारावाहिकों का भी निर्माण कर चुके हैं।
उनकी सदाबहार फिल्मों में ‘पिया का घर’ (1972), ‘खट्टा मीठा’, ‘चक्रव्यूह’ (1978), ‘प्रियतमा’ (1977), ‘मन पसंद’, ‘हमारी बहू अल्का’, ‘शौकीन’ (1982) और ‘चमेली की शादी’ (1986) इत्यादि शामिल हैं। साल 1997 में आई फिल्म ‘गुदगुदी’ उनकी आखिरी फिल्म है, जिसमें अनुपम खेर और प्रतिभा सिन्हा जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में थे। उनका जन्म 10 जनवरी, 1927 को राजस्थान के अजमेर में हुआ था। आखिरी वक्त में उनकी दो बेटियां उनके साथ थीं।