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Lakhimpur: आशीष मिश्रा से पूछे गए थे ये 15 सवाल, सामने आई लिस्ट

इसी कड़ी में आशीष से 15 सवाल पूछे गए, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आशीष इन 15 सवालों में से किसी एक के भी संतुष्टिजनक जवाब देने में सफल नहीं हुआ। दूसरे शब्दों में कहें तो उसने महज एसआईटी के इन तीखे सवालों से अपना पल्ला झाड़ने के लिए बेहद ही गोलमोल अंदाज में जवाब दिया है।

नई दिल्ली। लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपित केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा को यूपी पुलिस ने 12 घंटे की जद्दोजहद के बाद गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद इसकी गहन तफ्तीश करने के लिए विशेष जांच दल गठित की गई, जो इस पूरे मसले पर आशीष से गहन पूछताछ कर रही है। इसी कड़ी में आशीष से 15 सवाल पूछे गए, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आशीष इन 15 सवालों में से किसी एक के भी संतुष्टिजनक जवाब देने में सफल नहीं हुआ। दूसरे शब्दों में कहें तो उसने महज एसआईटी के इन तीखे सवालों से अपना पल्ला झाड़ने के लिए बेहद ही गोलमोल अंदाज में जवाब दिया है, जिससे कहीं न कहीं कुछ न कुछ तो संदिग्ध एसआईटी को जरूर नजर आ रहा है, लेकिन एसआईटी इस मसले पर कुछ भी कहने से परहेज कर रही है।

ashish mishra

आइए, अब आगे हम आपको बताते हैं कि आखिर एसआईटी ने लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा से ऐसे कौन से सवाल पूछे हैं जिसका जवाब देने के लिए उन्हें गोलमोल अंदाज में जवाब देना पड़ गया।

एसआईटी द्वारा पूछे गए 15 सवाल

  • हिंसा के समय तुम कहां थे ?
  • उत्तर: दंगल
  • प्रत्यक्षदर्शियों को कहना है कि घटना के वक्त तुम अपनी कार में ही थे। तुम्हारे काफिले में कुल कितनी कारें थीं।
  • उत्तर : मैं दंगल में ही थी, लेकिन काफिले में शामिल कारों में कौन कार्यकर्ता थे , मालूम  नहीं।
  •  सवाल: तुम्हारे वाहन में और कौन-कौन लोग बैठे हुए थे?
  • जवाब- चालक हरिओम था। उसके साथ और कौन था मुझे नहीं मालूम, हम तो दंगल में थे।
  • सवाल: जिस वाहन में तुम थे, वह किसका था?
  • जवाब- थार मेरी थी, लेकिन मैं उसमें नहीं था। आप लोग एक ही बात कितनी बार पूछेंगे।
  • सवाल: वाहन में तुम किधर बैठे थे। वाहन को कौन चला रहा था।
  • जवाब- मुझे नहीं मालूम, मैं नहीं था बस।
  • सवाल: जब तुम्हारा वाहन घटनास्थल पर पहुंचा तो भीड़ कितनी थी।
  • जवाब- आप लाख बार पूछ लीजिए हम एक ही जवाब देंगे घटनास्थल पर हम मौजूद नहीं थे। वहां क्या हुआ कुछ नहीं पता। जो जानकारी हुई बाद में हुई।
  • सवाल : भीड़ सड़क पर क्या कर रही थी। क्या भीड़ तुम्हारे वाहनों का रास्ता रोक रही थी।
  • जवाब- पता नहीं।
  • सवाल: जब पहला आदमी वाहन से टकराया तो वाहन रोका क्यों नहीं।
  • जवाब- मैं होता तो गाड़ी रोकता। जब था ही नहीं तो कैसे रोकता। चालक ने ऐसा किन परिस्थितियों में किया पता नहीं।
  • सवाल: तुम्हारे पास लाइसेंसी हथियार है या नहीं है। तुम्हारे साथ वाहन में किस-किस के पास लाइसेंसी हथियार थे।
  • जवाब- नहीं पता।
  • सवाल: फायरिंग की आवाज वाहनों से कैसे आ रही थी।
  • जवाब- हमको नहीं पता, बार-बार एक ही सवाल क्यों पूछ रहे आप लोग।
  • सवाल: सोशल मीडिया पर कई वीडियो हैं जो घटनास्थल पर तुम्हारी उपस्थिति साबित कर रहे हैं।
  • जवाब- गलत हैं, मैंने जो वीडियो दिए वो सही हैं। घटना स्थल पर मैं नहीं था।
  • सवाल: अगर यदि घटनास्थल पर नहीं थे तो एफआइआर होने के बाद तुम अंडरग्राउंड क्यों हुए। नोटिस जारी होने के बाद भी पेश क्यों नहीं हुए।
  • जवाब- मैं दिल्ली में था और मीडिया से भी लगातार बात कर रहा था। पहले नोटिस की जानकारी समय से नहीं हुई। उस समय थोड़ी तबीयत भी ठीक नहीं थी। जानकारी होते ही आज इसलिए समय से पहले पेश हुआ।
  • सवाल: तुम किस आधार पर दावा करते हो कि हिंसा के दौरान तुम घटनास्थल पर नहीं थे।
  • जवाब- दंगल के कार्यक्रम और गांव के वीडियो फुटेज और गांव वालों के हलफनामा इसके सबूत है। आप लोग इसकी जांच करा सकते हैं।
  •  सवाल: तुम घटनास्थल पर न होने के दावे के समर्थन में जो वीडियो दिखा रहे हो, उनकी सत्यता का आधार क्या है।
  • जवाब- सभी सही हैं। आप फॉरेंसिक जांच करा सकते हैं या फिर भौतिक सत्यापन। जिससे साफ हो जाएगा कि मैं गांव पर था।
  • सवाल: तुम्हारे दावे और उपलब्ध कराए गए साक्ष्य पर पुलिस भरोसा क्यों करे, जब तुमने अब तक कोई सहयोग हीं नहीं किया।
  • जवाब- पुलिस ने जैसे ही बुलाया मैं हाजिर हो गया। इसके साथ ही जब भी मेरे सहयोग की जरूरत पड़ेगी दूंगा। मैं कोई अपराधी नहीं हूं। एक राजनेता का बेटा और मेरा खुद का व्यवसाय है।

गौरतलब है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की तेज रफ्तार कार ने लखीमपुर में आंदोलनकारी किसानों को रौंद दिया। जिससे चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई। वहीं, बताया जा रहा है कि जब यह सब कुछ हुआ था तो आशीष मिश्रा कार में ही सवार थे, लेकिन उनका कहना है कि जब यह सब कुछ हुआ था तो कार में नहीं था, मैं दंगल में था।

ashish mishra

फिलहाल, एसआईटी इस पूरे मामले की सच्चाई को बाहर लाने की पूरी कोशिश कर रही है। उधर, विपक्षी दल इस पूरे मसले को लेकर राज्य सरकार पर हमलावर है।