नई दिल्ली। एशिया की महाशक्ति बनने का सपना देख रहे चीन की नापाक हरकत किसी से भी छिपी नहीं है। चीन हमेशा ही अपनी विस्तारवाद की नीति पर काम करता रहा है, और उसकी इस घटिया सोच से कई देश परेशान हैं। ताजा विवाद उसका भले ही भारत के साथ हो लेकिन उसकी कपटी चालों के चलते उसका 23 देशों से सीमा विवाद चल रहा है।
क्षेत्रफल के मामले में दूसरे और जनसंख्या के मामले में पहले स्थान पर मौजूद चीन के इर्द गिर्द 14 देश हैं जिनसे वो अपनी सीमाएं साझा करता है। हालांकि चीन इसके उलट दावा करता है कि, उसकी सीमाएं 23 देशों तक हैं। चीन से महज भारत नहीं 23 मुल्क परेशान हैं। दक्षिण चीन सागर में कुछ तटीय द्वीपों पर ब्रुनेई का कब्जा रहा है। हालांकि, चीन को लगता है यह उसका इलाका है। मिंग राजवंश (1368-1644) कंबोडिया तक फैला हुआ था। इस आधार पर चीन गाहे-बगाहे कंबोडिया पर अपना अधिकार जताने से बाज नहीं आता। दक्षिण चीन सागर के कुछ इलाकों पर इंडोनेशिया का अधिकार है। हालांकि, चीन का कहना है कि यह पूरा इलाका उसका है।
आइए जानते हैं कि और किन देशों के साथ चीन का सीमा विवाद है…
रूस
रूस के साथ लगती हुई 1,60,000 वर्ग किलोमीटर की सीमा पर चीन अपनी दावेदारी जता चुका है। दोनों देशों के बीच कई समझौते हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है।
सिंगापुर
सिंगापुर के साथ चीन का विवाद दक्षिण चीन सागर को लेकर ही है। चीन यहां मछली मारने को लेकर कई बार सिंगापुर से अपनी आपत्ति दर्ज करा चुका है।
पाकिस्तान
चीन इस वक्त भले ही पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत को घेरने की कोशिश कर रहा है लेकिन चीन और पाकिस्तान के बीच खुद सीमा विवाद बना हुआ है। फिलहाल भारत को घेरने के चक्कर में पाकिस्तान चीन की चालों को नहीं समझ पा रहा है। दरअसल चीन इकॉनामिक कॉरिडोर बना रहा है। वो आने वाले वक्त में पाकिस्तान के सबसे बड़ा नुकसान साबित होगा। चीन अगर अपनी चाल में सफल हो गया तो पाकिस्तान का बड़ा हिस्सा चीन के आधिपत्य में होगा।
वियतनाम
चीन का वियतनाम के साथ युद्ध भी हो चुका है। चीन के मुताबिक वियतनाम पर भी उसका हक है, क्योंकि एक समय चीन के मिंग राजवंश (1368-1644) का यहां शासन रहा था।
बर्मा
वर्मा के साथ भी चीन का काफी पुराना विवाद रहा है। 1271 से 1368 के बीच चीन के युआन राजवंश के समय बर्मा चीन का हिस्सा हुआ करता था। उसी इतिहास को आधार मानकर चीन बर्मा के एक बड़े भूभाग पर अपनी दावेदारी दिखाता है।
नेपाल
चीन भारत के खिलाफ नेपाल को भले ही उकसा रहा है और उसकी मदद कर रहा है लेकिन चीन और नेपाल के बीच भी सीमा विवाद बना हुआ है। बता दें कि नेपाल के बड़े हिस्से पर चीन की दावेदारी रही है। यह दावेदारी वर्ष 1788-1792 चीन-नेपाल युद्ध के समय से चली आ रही है। चीन के मुताबिक, नेपाल तिब्बत का हिस्सा है। इस हिसाब से यह चीन का हिस्सा हुआ।
भारत
भारत के साथ चीन का विवाद किसी से छिपा नहीं है। एशिया में भारत ही एक ऐसा देश है जिससे चीन को हमेशा असुरक्षा की भावना रहती है। चीन जानता है कि अगर उसे महाशक्ति बनने से कोई रोक सकता है तो वो भारत है। बता दें कि भारत और चीन के बीच काफी पुराना सीमा विवाद चला आ रहा है। भारत के तमाम हिस्सों पर चीन अपना दावा करता रहा है। दोनों देश 1962 में एक बार युद्ध भी लड़ चुके हैं, लेकिन इस विवाद का समापन नहीं हुआ है। जम्मू-कश्मीर से लेकर सिक्किम, अरूणांचल प्रदेश, तक के इलाकों पर चीन अपनी धौंस दिखाता रहा है। चीन दावा करता है कि मैकमोहन रेखा के जरिए भारत ने अरुणाचल प्रदेश में उसकी 90 हजार वर्ग किलोमीटर जमीन दबा ली है। भारत इसे अपना हिस्सा बताता है। हिमालयी क्षेत्र में सीमा विवाद को निपटाने के लिए 1914 में भारत तिब्बत शिमला सम्मेलन बुलाया गया।
अफगानिस्तान
चीन की मक्कारी ऐसी है कि 1963 में समझौते के बावजूद चीन अफगानिस्तान के बड़े भूभाग पर अपना आधिपत्य जताता है। चीन यहां समय समय पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराता है और इन इलाकों को अपना बताता है।
साउथ कोरिया
दक्षिण कोरिया पूर्वी चीन सागर में कई इलाकों पर लंबे समय से अपना कब्जा जमाए हुए है। हालाकं, चीन का कहना है कि पूरे दक्षिण कोरिया पर उसका हक है। यहां उसने ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि दक्षिण कोरिया पर चीन के युआन राजवंशन का शासन रहा था। उत्तर कोरिया के जिन्दाओ इलाके पर अपनी दावेदारी पेश करता रहा है। यहां भी वह ऐतिहासिक तथ्यों की बात करता है।
किर्जिगिस्तान और कजाखस्तान
किर्जिगिस्तान के बड़े हिस्से पर उसका अधिकार है, क्योंकि 19वीं सदी में उसने इस भूभाग को उसने युद्ध में जीता था। इसके साथ ही चीन का अपने सीमावर्ती कजाखस्तान के साथ भी सीमा विवाद है। हालांकि, हाल ही में दोनों देशों के बीच समझौते हुए हैं वे चीन के पक्ष में गए हैं
भूटान
चीन भूटान के एक बड़े भाग पर अपना कब्जा जमाए हुए है और वहां तेजी से सड़को का निर्माण कर रहा है। इतना ही नहीं उसने यहां इंटरनेशनल बार्डर पर बंकर तक बना रखे है। वो लगातार इस क्षेत्र को अपना बताता है। भूटान के साथ भारत का बहुत मधुर संबंध है और भारत भूटान की हर तरह की मदद भी करता है।
तजाकिस्तान
तजाकिस्तान को लेकर चीन का कहना है कि इस देश पर चीन के किंग राजवंश (1644-1912) का शासन रहा है। इस लिहाज से तजाकिस्तान पर उसका हक है। चीन समय-समय पर यहां पर भी उकसावे भरी हरकतें करता रहता है।