नई दिल्ली। 6 महीने बाद आखिरकार श्रद्धा मर्डर केस का आरोपी आफताब गिरफ्तार हो गया है। पुलिस ने आरोपी को बीते दिनों गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने जो कुछ बताया उसे सुनने के बाद हर किसी के पैरों तले जमीन खिसक गई। आरोपी आफताब ने बताया कि श्रद्धा उस पर शादी का दबाव बना रही थी। दोनों के बीच इसे लेकर काफी विवाद भी हुआ करते थे। यही वजह थी कि गला दबाकर उसने श्रद्धा की जिंदगी ही खत्म कर दी। हद तो तब हुई जब इस घटना को अंजाम देने के बाद श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़े कर किए और फिर उन्हें ठिकाने लगाने का काम शुरू किया। आफताब ने हत्या के बाद 300 लीटर का फ्रिज खरीदा जिसमें श्रद्धा के शरीर के टुकड़े रखे। कमरे में बदबू न आए इसके लिए अगरबत्ती का सहारा लिया। इस घटना के सामने आने के बाद से ही पुलिस अब आरोपी के बताए ठिकानों से लाश के टुकड़ों को बरामद करने में लगी है। हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना है कि श्रद्धा की हत्या मई में हुई। तो वहीं, दूसरी तरफ दोस्त लक्ष्मण नडार का कहना है कि उसकी श्रद्धा से जुलाई में बातचीत हुई थी। अब दोस्त लक्ष्मण के बयान के सामने आने के बाद सच क्या है इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
दोस्त लक्ष्मण ने कही है ये बात
एक इंटरव्यू में लक्ष्मण नडार ने बताया है कि श्रद्धा ने सोशल मीडिया ऐप वॉट्सऐप के जरिए उससे संपर्क किया था। श्रद्धा ने उस वक्त कहा था कि उसे बचा लो, आफताब उसे मार डालेगा। दोनों के बीच खूब लड़ाईंयां हुआ करती थी। श्रद्धा ने ये तक कहा था कि अगर आज रात उसे नहीं बचाया गया तो आफताब उसे मार डालेगा। इसके बाद लक्ष्मण कुछ दोस्तों के साथ मिलकर श्रद्धा को लेकर उस घर में गया जहां वो आफताब के साथ रहा करती थी। उन्होंने श्रद्धा का रेस्क्यू करते वक्त आफताब को चेतावनी भी दी थी कि अगर आगे से उसे परेशान किया तो वो पुलिस में उसके खिलाफ शिकायत कर देंगे। इसके बाद श्रद्धा के कहने के बाद उन्होंने पुलिस में कंप्लेन नहीं की। इसके बाद दोनों एक बार फिर से साथ रहने लगे लेकिन सितंबर के बाद से ही श्रद्धा का कोई अता-पता नहीं था।
ऐसे में उन्होंने (लक्ष्मण) कई कॉल और मेसेज किए लेकिन जब कोई जवाब नहीं आया तो आखिर में दोस्त लक्ष्मण ने इसकी जानकारी श्रद्धा के परिजनों को दी। बाद में परिजनों की शिकायत पर ही पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आरोपी को धर दबोचा है। हालांकि इस मामले में पुलिस का कहना है कि हत्या मई महीने में हुई है। इस तरह से देखा जाए तो दोस्त लक्ष्मण और पुलिस के बयान में 2 महीने का फर्क है। अगर पुलिस के मुताबिक आफताब ने मई महीने में श्रद्धा को मार डाला था तो दोस्त लक्ष्मण से श्रद्धा ने कैसे संपर्क किया। खैर अभी तक श्रद्धा के शव के सभी टुकड़ों को जमा करने का काम जारी है।
श्रद्धा के पिता ने कही ये बात
इस मामले पर मृतका श्रद्धा के पिता का कहना है कि बेटी ने 2019 में अपनी मां को बताया था कि वो आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है। ये रिश्ता हमें मंजूर नहीं था इस वजह से हमने उसे काफी समझाया लेकिन वो नहीं मानी और बोलीं कि वो 25 साल की हो गई है। वो अपनी जिंदगी के फैसले खुद ले सकती है। जब श्रद्धा घर छोड़कर जाने लगी तो उसकी मां ने उसे काफी मनाने की कोशिश की लेकिन वो नहीं मानी और चली गई। दोस्तों के जरिए ही हमें बेटी का अपडेट मिलता था। कुछ समय बाद जब उसकी मां की मौत हो गई तो श्रद्धा ने उनसे (पिता) संपर्क किया। इस दौरान श्रद्धा ने बताया कि आफताब उसे मारता-पीटता है। दोनों के बीच काफी लड़ाई झगड़े होते हैं।बेटी की इन बातों को सुनकर जब मैंने उसे घर बुलाया लेकिन आफताब उसे लेकर चला गया। मृतका के पिता का कहना है कि अगर उसकी बेटी उस वक्त आफताब के साथ नहीं गई होती तो वो आज जिंदा होती। अब देखना होगा कि मामले में क्या कुछ सामने आता है।