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4 Engineers Involved In UP RO/ARO Exam Paper Leak : 4 इंजीनियरों ने मिलकर लीक कराया था यूपी आरओ/एआरओ परीक्षा का पेपर, जानिए कैसे रची पूरी साजिश

4 Engineers Involved In UP RO/ARO Exam Paper Leak : एसटीएफ के अनुसार पेपर भोपाल के एक प्रिंटिंग प्रेस से भी लीक हुआ था। पेपर लीक के मास्टरमाइंडों में से एक राजीव नयन मिश्रा ने प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी, विशाल दुबे और सुभाष प्रजापति के साथ मिलकर इसकी साजिश रची थी।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया है। एसटीएफ ने इस मामले में कल जिन 6 लोगों को गिरफ्तार किया है उनके पूछताछ के बाद जांच में पाया कि पेपर भोपाल के एक प्रिंटिंग प्रेस से भी लीक हुआ था। इसमें चार इंजीनियर दोस्त शामिल थे। पेपर लीक के मास्टरमाइंडों में से एक राजीव नयन मिश्रा ने प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी सुनील रघुवंशी, विशाल दुबे और सुभाष प्रजापति के साथ मिलकर इसकी साजिश रची थी। इन सभी के पास इंजीनियरिंग की डिग्री है।

एसटीएफ के अनुसार विशाल दुबे के माध्यम से राजीव नयन मिश्रा की मुलाकात सुनील रघुवंशी से हुई। सुनील रघुवंशी और विशाल दुबे इंजीनियरिंग कॉलेज में एक साथ पढ़ते थे। जहां सुनील प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था, वहीं विशाल और सुभाष इंजीनियरिंग कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश की व्यवस्था करते थे। जब विशाल को पता चला कि सुनील प्रिंटिंग प्रेस में काम करता है जहां पेपर छपते हैं तो उसने राजीव मिश्रा को इसकी जानकारी दी। इसके बाद राजीव ने सुनील रघुवंशी को प्रश्नपत्र सौंपने के लिए रिश्वत दी।

मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा की फाइल फोटो

जब आरओ/एआरओ का प्रश्नपत्र प्रिंटिंग प्रेस में आया तो सुनील ने अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी। सुनील ने उन्हें पेपर देने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की। लेकिन उसने एक शर्त भी रखी कि उम्मीदवारों को उनके सामने पेपर पढ़ना होगा ताकि यह वायरल न हो। राजीव, सुनील और सुभाष ने शर्तों पर सहमति जताई। सुनील रघुवंशी मौके की तलाश में था। अगर छपाई के दौरान किसी प्रश्नपत्र में कुछ कमी हो जाती है, तो उसे एक तरफ रख दिया जाता है और बाद में पेपर श्रेडर का उपयोग करके नष्ट कर दिया जाता है। तीन फरवरी को सुनील मशीन मरम्मत के लिए प्रिंटिंग प्रेस पर मौजूद था। प्रेस में प्रश्नपत्र देखकर वह उसे ठीक करने का बहाना करते हुए मशीन के एक हिस्से के साथ ले गया। वह इन पेपरों को घर ले गया और अन्य लोगों को सूचित किया। इसके बाद इन सबने निर्णय लिया कि 8 फरवरी को परीक्षा से तीन दिन पहले उम्मीदवारों को एक होटल में ले जाया जाएगा और पेपर दिखाया जाएगा। इसके लिए हर किसी से 12 लाख रुपए लिए जाएंगे। सुनील प्रश्नपत्रों के दो सेटों की छह प्रतियां लेकर होटल पहुंचा।

सुभाष ने एक सहायक के साथ पेपर हल किया और छात्रों को उत्तर याद कराए गए। दो अन्य साथी विवेक उपाध्याय और अमरजीत शर्मा अभ्यर्थियों को होटल लेकर आए। विवेक उत्तर प्रदेश से है और अमरजीत बिहार से है, उन्होंने उम्मीदवारों की व्यवस्था करने वाले एजेंट के रूप में काम किया। सुभाष खुद आरओ/एआरओ परीक्षा का अभ्यर्थी था। पुलिस को उसके फोन से प्रश्नपत्र मिले और उनके सीरियल नंबर सोशल मीडिया पर वायरल प्रश्नपत्रों से मिलते-जुलते थे। पैसों के लालच में राजीव नयन मिश्रा ने यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा पेपर लीक के मास्टरमाइंड रवि अत्री के साथ प्रश्न पत्र की तस्वीरें साझा की थीं। इसके बाद पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस ऑपरेशन के सरगना राजीव मिश्रा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी पद के लिए 11 फरवरी को आयोजित योग्यता परीक्षा पेपर लीक के आरोपों के बीच रद्द कर दी गई थी। इस परीक्षा में 10 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।