नई दिल्ली। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ अर्जी दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने केजरीवाल को राहत देने से इनकार कर दिया। इसके अलावा जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने अपने फैसले में ऐसी बात भी लिख दी है, जिससे आम आदमी पार्टी पर भी संकट आता दिख रहा है।
अरविंद केजरीवाल की अर्जी को ठुकराते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि राजनीतिक दल भी पीएमएलए कानून की धारा 70 के दायरे में आती हैं। हाईकोर्ट ने इसकी वजह ये बताई है कि राजनीतिक दल भी किसी कंपनी की तरह लोगों का समूह है। दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले से आम आदमी पार्टी के साथ ही सभी राजनीतिक दलों को मनी लॉन्ड्रिंग की परिभाषा में ला दिया गया है। अब ईडी आम आदमी पार्टी को भी शराब घोटाला मामले में पार्टी बना सकती है।
पीएमएलए की धारा 70 में कहा गया है कि जब भी कोई कंपनी मनी लॉन्ड्रिंग करती है, तो हर वो व्यक्ति जो तब कंपनी को देख रहा था, उसे भी दोषी मानकर कार्रवाई होगी। पीएमएलए की धारा 70 में रजिस्टर्ड कंपनियों के साथ व्यक्तियों का समूह भी आता है। ईडी ने दिल्ली हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर सुनवाई के दौरान ये कहा है कि शराब घोटाला से आम आदमी पार्टी को भी फायदा हुआ है। ईडी के मुताबिक आम आदमी पार्टी ने भी अपराध किया है। इससे पहले अक्टूबर 2023 में शराब घोटाला मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि अगर इस मामले में आम आदमी पार्टी को फायदा हुआ, तो उसे आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। ऐसे में अब दिल्ली हाईकोर्ट ने जिस तरह पीएमएलए की धारा 70 की व्याख्या की है, उससे आम आदमी पार्टी के लिए भी संकट खड़ा होता दिख रहा है।