newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

India-China Tension: चीन के नक्शे में भारत के हिस्से दिखाए जाने पर सियासत गरम, राहुल गांधी और ओवैसी ने पीएम मोदी को घेरा

केंद्र सरकार की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जहां इसे चीन का पुराना रवैया बताया है और कहा है कि नक्शे में भारत के हिस्से दिखाने से हकीकत नहीं बदल जाती। वहीं, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी अब चीन के मुद्दे पर फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर हो गए हैं।

नई दिल्ली। चीन ने अपनी चालबाजी के तहत एक बार फिर नए नक्शे में पूर्वी लद्दाख स्थित अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा दिखाया है। इसपर देश का सियासी तापमान एक बार फिर चढ़ गया है। केंद्र सरकार की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जहां इसे चीन का पुराना रवैया बताया है और कहा है कि नक्शे में भारत के हिस्से दिखाने से हकीकत नहीं बदल जाती। वहीं, कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी अब चीन के मुद्दे पर एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी पर हमलावर हो गए हैं।

india china flag

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर चीन के मामले में झूठ बोला है। राहुल गांधी ने मीडिया से कहा कि वो अभी लद्दाख होकर आए हैं। वहां हर कोई कह रहा है कि चीन ने भारत की जमीन हड़प ली है। कांग्रेस के नेता ने कहा कि चीन के नक्शे में भारत के हिस्से दिखाया जाना गंभीर मामला है। राहुल गांधी ने इस मामले में पीएम मोदी से जवाब की मांग की है।

वहीं, असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि पीएम मोदी चीन के मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। ओवैसी ने ट्वीट में लिखा कि सरकार संसद में चीन पर चर्चा भी नहीं होने देना चाहती। ओवैसी ने लिखा है कि चीन का नक्शा खतरे की घंटी है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से बैठक का अनुरोध कर रहे हैं। एआईएमआईएम नेता ने कहा कि उपग्रहों की तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने अक्साई चिन में सैन्य निर्माण बढ़ाया है। भारत की प्रतिक्रिया डरपोक और कमजोर नहीं हो सकती। ओवैसी ने कहा कि चीन के सामने खड़े होने की जरूरत है।

वहीं, विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया था कि चीन से उसके ताजा नक्शे के बारे में कूटनीतिक तरीके से जोरदार विरोध किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार को मीडिया से साफ कहा था कि नक्शे में भारत के हिस्से दिखाए जाने से हकीकत नहीं बदल जाती है। अब जी-20 की बैठक से पहले जिस तरह विपक्ष ने मोदी सरकार को चीन के मुद्दे पर घेरा है, उसमें शी जिनपिंग के आने के बाद और तेजी दिखने के आसार हैं।