newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Ahmedabad 2008 serial bomb blast: अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट मामले में 13 साल बाद 49 लोग दोषी करार, 70 मिनट में 21 धमाकों से हिल गया था शहर

ahmedabad 2008 serial bomb blast : यह बेहद गंभीर मसला था। इसके अलावा इस केस से जुड़े लोगों के इसके अंतिम नतीजों का इंतजार था। जिन लोगों ने इस ब्लास्ट में अपने परिजनों को खोया था, उनके लिए वे इंसाफ की गुहार कोर्ट से लगा रहे थे। इस मामले में अहमदाबाद में 19 और कलोल में एक अपराध दर्ज किए गए थे।

नई दिल्ली। अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट मामले में गुजरात स्पेशल कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में 49 लोगों को दोषी करार दिया है, तो वहीं 77 लोगों को बरी कर दिया है। बता दें कि साल 2008 में अहमदाबाद में 20 जगहों पर 21 ब्लास्ट हुए थे। पुलिस ने इस मामले की जांच के उपरांत 9 हजार पन्नों का आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान 1117 गवाह पेश किए थे। इस बीच कोर्ट में 9 जज भी बदले गए। इस ब्लास्ट में 56 लोगों की मौत हो गई थी, तो वहीं 246 लोगों को गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस मामले में 28 आरोपी देश के सात राज्यों के अलग-अलग जेलों में बंद हैं। वहीं आज यानी की मंगलवार को जज अंबाबेन पटेल ने इस मामले में फैसला सुनाया है।

2008 Ahmedabad bomb blasts: Gujarat court acquits 28 of the 77 accused, 49  Islamic terrorists convicted

यह बेहद गंभीर मसला था। इसके अलावा इस केस से जुड़े लोगों के इसके अंतिम नतीजों का इंतजार था। जिन लोगों ने इस ब्लास्ट में अपने परिजनों को खोया था, उनके लिए वे इंसाफ की गुहार कोर्ट से लगा रहे थे। इस मामले में अहमदाबाद में 19 और कलोल में एक अपराध दर्ज किए गए थे। अभियोजन पक्ष में अदालत में कहा था कि आरोपी के खिलाफ बम बनाने के पर्याप्त सुबूत थे। इसके अलावा जिन वाहनों में बम लगाए गए थे, उससे यह साफ जाहिर होता है कि यह सभी वाहन इन सभी आरोपियों द्वारा लिए गए थे। अभियोजन पक्ष की तरफ से कहा गया था कि आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह, दंगा भड़काने और कानून-व्यवस्था को बिगड़ने के सुबूत मिले थे।

Verdict in Ahmedabad serial bomb blast case Court acquitted 28 accused  convicted 49 - अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट केस में 13 साल बाद आया फैसला;  कोर्ट ने 28 आरोपी को किया बरी, 49 दोषी ...

वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि ऐसा कुछ भी नहीं था। बचाव पक्ष का कहना था कि झूठे सुबूतों का सहारा लेकर हमें बेबुनियादी आरोप लगाए जा रहे हैं। लेकिन आज यानी की मंगलवार को कोर्ट में गहन जांच के उपरांत तमाम सुबूतों और गवाहों  के मद्देनजर इस मामले को लेकर अपना फैसला सुनाया है।