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Hate Speech On Gyanvapi Row: बढ़ सकती हैं अखिलेश यादव और ओवैसी की मुश्किलें, ज्ञानवापी मसले पर दिए गए हेट स्पीच पर दर्ज हो सकता है केस

ज्ञानवापी विवाद में आज कई सुनवाई हैं, लेकिन सबकी नजरें समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर लगी हैं। इन तीनों ने ज्ञानवापी मामले में बयान दिए थे।

वाराणसी। ज्ञानवापी विवाद में आज कई सुनवाई हैं, लेकिन सबकी नजरें समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर लगी हैं। इन तीनों ने ज्ञानवापी मामले में बयान दिए थे। तीनों के खिलाफ हेट स्पीच देने के आरोप में केस चलाने की अर्जी कोर्ट में दी गई थी। कोर्ट इस मामले में एक बार सुनवाई कर चुका है। आज फिर सुनवाई है। वकील हरिशंकर पांडेय ने तीनों के खिलाफ अर्जी दी थी। 6 दिसंबर को पहली सुनवाई के बाद पांडेय ने बताया था कि उनको उम्मीद है कि 12 नवंबर को सुनवाई के बाद कोर्ट इस मामले में तीनों नेताओं पर चौक थाने में केस दर्ज करने का आदेश देगा।

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तीनों नेताओं पर हरिशंकर पांडेय ने हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द खराब करने का केस चलाने की अर्जी दी है। ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुनवाई के दौरान ये बयानबाजी अखिलेश, असदुद्दीन और अकबरुद्दीन ने कथित तौर पर की ती। अखिलेश यादव ने कहा था कि पीपल के किसी पेड़ के नीचे पत्थर रखकर झंडा लगा दिया जाए, तो एक मंदिर बन जाता है। उन्होंने ये भी कहा था कि रात के अंधेरे में मूर्तियां रख दी जाती हैं। वहां सुबह भगवान प्रकट हो जाते हैं। जबकि, असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ज्ञानवापी में शिवलिंग जैसी आकृति फव्वारा है। उन्होंने कहा था कि मुसलमान वहां (ज्ञानवापी में) जाकर नमाज पढ़ें और वजू करें। जबकि, वजूखाने का इस्तेमाल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है। ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ने मां दुर्गा, माता लक्ष्मी और माता सीता के बारे में विवादित बयान दिए थे।

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बता दें कि हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित शृंगार गौरी और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों की पूजा की मंजूरी कोर्ट में मांगी है। इसका केस इलाहाबाद हाईकोर्ट, वाराणसी के जिला जज और वहां के फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है। हिंदुओं की तरफ से कई महिलाओं ने कोर्ट में अर्जी दी है। इस मामले में सीनियर डिविजन जज ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे भी कराया था। उस सर्वे के दौरान वजूखाने के बीच में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। हिंदू पक्ष ने इसकी भी जांच कराने की मांग कोर्ट से की है।