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UP: मदरसों की फंडिंग पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का सवाल, क्या धर्मनिरपेक्ष राज्य में हो सकता है ऐसा?

Uttar Pradesh: कोर्ट ने पूछा कि, क्या स्कूलों में खेल मैदान रखने के अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के अनुच्छेद 21 व 21 ए  की अनिवार्यता का पालन किया जा रहा है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि क्या अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के धार्मिक शिक्षा संस्थानों को सरकार फंड दे रही है।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश से इस वक्त बड़ी खबर आ रही है। मदरसे की फंडिंग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कई सवाल पूछे है। हाईकोर्ट ने कहा है कि क्या पंथनिरपेक्ष राज्य धार्मिक शिक्षा देने वाले शिक्षण संस्थानों (मदरसों) को फंड दे सकता है? साथ ही कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या धार्मिक शिक्षा देने वाले मदरसे अनुच्छेद 25 से 30 तक प्राप्त मौलिक अधिकारों के तहत सभी धर्मों के विश्वास को संरक्षण दे रहे हैं। क्या संविधान के अनुच्छेद 28 में मदरसे धार्मिक शिक्षा संदेश व पूजा पद्धति की शिक्षा दे सकते हैं?

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कोर्ट ने पूछा कि, क्या स्कूलों में खेल मैदान रखने के अनिवार्य शिक्षा के अधिकार के अनुच्छेद 21 व 21 ए  की अनिवार्यता का पालन किया जा रहा है। कोर्ट ने जानना चाहा है कि क्या अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के धार्मिक शिक्षा संस्थानों को सरकार फंड दे रही है। इसके अलावा कोर्ट ने आगे पूछा कि, क्या महिलाओं को मदरसों में प्रवेश पर रोक है। अगर ऐसा है तो क्या यह भेदभाव पूर्ण नहीं है।

बता दें कि हाईकोर्ट ने इन सभी सवालों के राज्य सरकार से 4 हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी। बता दें कि यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने प्रबंध समिति मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम की याचिका पर दिया है।