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Punjab: पंजाब में अमरिंदर ने ठोकी कांग्रेस के खिलाफ ताल, नई पार्टी बनाने का किया एलान, जल्द घोषित करेंगे नाम

Punjab: कैप्टन के नई पार्टी बनाने पर अगर किसी की सांस अटकी है, तो वो कांग्रेस का आलाकमान और उसके करीबी नेता। कांग्रेस की सांस इस वजह से भी अटकी है क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के कहने से कैप्टन को सीएम पद से हटाकर दलित सिख चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर पार्टी जिस मास्टरस्ट्रोक की बात कह रही थी, अब वह मास्टरस्ट्रोक उसके गले की हड्डी बन गया है।

नई दिल्ली। एक तरफ जहां पंजाब कांग्रेस में सियासी घमासान लगातार जारी है। वहीं दूसरी ओर अब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को बड़ा ऐलान कर दिया। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए नई पार्टी बनाने का ऐलान कर दिया है। जिसके नाम की जल्द ही कैप्टन घोषणा भी करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये बताया कि वह पंजाब में कितनी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इस दौरान कैप्टन ने ये साफ नहीं किया वह राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) या किसी अन्य दल के साथ गठबंधन करेंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि, मैं एक पार्टी बना रहा हूं। अब सवाल ये है कि पार्टी का नाम क्या है, ये मैं आपको नहीं बता सकता क्योंकि ये मैं खुद नहीं जानता। जब चुनाव आयोग पार्टी के नाम और चिन्ह को मंजूर करता है, मैं आपको बता दूंगा।  उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर भी हमला बोला।

कैप्टन के नई पार्टी बनाने पर अगर किसी की सांस अटकी है, तो वो कांग्रेस का आलाकमान और उसके करीबी नेता। कांग्रेस की सांस इस वजह से भी अटकी है क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के कहने से कैप्टन को सीएम पद से हटाकर दलित सिख चरनजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाकर पार्टी जिस मास्टरस्ट्रोक की बात कह रही थी, अब वह मास्टरस्ट्रोक उसके गले की हड्डी बन गया है। पंजाब में कैप्टन की विदाई और चन्नी के आगमन के बावजूद कांग्रेस में अंतरकलह कम नहीं हुई है। बता दें कि सिद्धू ने पहले कैप्टन को पद से हटवाया और फिर चरनजीत चन्नी के सीएम बनने के बाद भी अपनी न सुनी जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में तत्कालीन प्रभारी हरीश रावत के साथ बातचीत और दिल्ली आकर सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद सिद्धू ने इस्तीफा वापस ले लिया था। सूत्रों के मुताबिक सिद्धू अब भी कई कदम न उठाए जाने से सीएम चन्नी से खफा हैं और कांग्रेस आलाकमान से बात करने की इच्छा जताई थी। जिसपर कल उन्हें तलब किया गया था।

Amrinder Singh

कैप्टन ने बीते दिनों कहा था कि वो नई पार्टी बनाएंगे और अगर कृषि कानूनों के बारे में बीजेपी और केंद्र की सरकार सकारात्मक फैसला करती है, तो पंजाब के विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी के अलावा अन्य अकाली धड़ों के साथ गठबंधन करेंगे। कांग्रेस की चिंता इस वजह से भी बढ़ गई है। अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानून वापस ले लिए, तो पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह हीरो के तौर पर प्रोजेक्ट हो सकते हैं। ऐसे में पंजाब को दोबारा जीतने में कांग्रेस को दिक्कत हो सकती है। क्योंकि पहले ही पार्टी में अंदरूनी गुटबाजी और अंतरकलह चरम पर है।

Amrinder and Sidhu

उधर, अमरिंदर सिंह लगातार पंजाब की सुरक्षा के बारे में बयान देते रहे हैं। अमरिंदर कह रहे हैं कि पंजाब को बाहरी ताकतों से खतरा है। कांग्रेस मान रही है कि अमरिंदर ऐसे बयान हिंदू वोटरों को अपने पक्ष में लाने के लिए दे रहे हैं। पंजाब के कस्बों और शहरों में काफी हिंदू आबादी है। पंजाब में 38 फीसदी सिख और करीब 34 फीसदी हिंदू रहते हैं। आतंकवाद के दौर में सबसे ज्यादा जान-माल का नुकसान हिंदुओं को ही उठाना पड़ा था। ऐसे में हिंदू वोटों को भी खुद के पाले से जोड़े रखना कांग्रेस के लिए चुनावों से पहले बड़ी मुश्किल का काम बनता दिख रहा है।