नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वो किसानों की आय दोगुनी करके रहेंगे। इसके लिए उन्होंने तमाम कदम उठाए। लगातार एमएसपी पर अनाज और दालों की खरीद केंद्र सरकार करती रही है। सरकार हर साल ज्यादा एमएसपी भी किसानों को देती है। अब दाल की फसल लगाने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए मोदी सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्राइस सपोर्ट योजना के तहत उड़द, मसूर और अरहर की दाल खरीदने की 40 फीसदी सीमा को इस वित्तीय वर्ष के लिए खत्म कर दिया है। अब किसान अपनी पूरी उपज सरकार को बेच सकेंगे। इससे किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा और माना जा रहा है कि रबी के सीजन में दालों की बुआई काफी होगी।
दालों की खरीद की सीमा खत्म करने के बारे में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। मंत्रालय ने कहा है कि दालों के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ये फैसला किया गया है। किसानों से दालों की खरीद एमएसपी पर की जाएगी। मोदी सरकार ने इससे पहले 2 जून को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत दालों की जमाखोरी करने और कीमतों पर लगाम के लिए स्टॉक लिमिट तय की थी। ये लिमिट खुदरा समेत सभी तरह के व्यापारियों पर लागू की गई है।
मई में भी मोदी सरकार ने दालों के बारे में बड़ा फैसला लिया था। दाल आयात करने वालों को कस्टम से क्लियरेंस मिलने के 30 दिन में बाजार में दाल बेचने की हिदायत सरकार ने दी थी। साथ ही हर शुक्रवार को सभी आयातकर्ताओं से सरकारी पोर्टल पर अरहर और उड़द के स्टॉक की जानकारी देने को जरूरी भी किया गया। इससे पता चलता रहेगा कि विदेश से कितनी दाल भारत आयात हो रही है और उसकी खपत कितनी है। अब किसानों को दाल उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे में विदेश से दाल आयात करने का काम कम होगा। इससे किसानों को फायदे के साथ ही देश की काफी विदेशी मुद्रा की बचत होगी।