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Varanasi: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में आज वाराणसी के सिविल जज सुनेंगे नई अर्जी, हिंदू पक्ष ने अब की है ये मांग

ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर पहले से ही करीब 10 अर्जियां कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं। ज्यादातर अर्जियों पर जिला जज अजय कुमार विश्वेश सुनवाई कर रहे हैं। उन्होंने बीते कर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई की तारीख कल यानी 26 मई के लिए तय की है।

वाराणसी। यूपी के वाराणसी स्थित स्थानीय अदालत के सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर के कोर्ट में ज्ञानवापी मस्जिद पर दाखिल एक नई अर्जी पर आज सुनवाई होगी। जज दिवाकर ने ही पहले दाखिल अर्जी पर सुनवाई करते हुए ज्ञानवापी में सर्वे कराया था। अब वो मामला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जिला जज सुन रहे हैं। जिस अर्जी पर जज रवि कुमार दिवाकर सुनवाई करेंगे, उसमें पूरे ज्ञानवापी परिसर को हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई है। ये अर्जी विश्व वैदिक सनातन संस्थान के महामंत्री किरण सिंह बिसेन ने दाखिल की है। अब सबकी नजर इस पर है कि जज रवि कुमार दिवाकर इस अर्जी पर क्या आदेश करते हैं।

Varanasi Gyanvapi Case

किरण सिंह बिसेन की अर्जी में कहा गया है कि भगवान विश्वेश्वर का ये पूरा ज्ञानवापी परिसर है। इसमें ये भी कहा गया है कि सरकारी दस्तावेजों में पूरी जमीन भगवान विश्वेश्वर के नाम से दर्ज है। ऐसे में ये जगह हिंदुओं को सौंपी जाए और यहां पूजा करने की मंजूरी मिले। साथ ही अर्जी में मुसलमानों की एंट्री पूरी तरह बंद करने, भगवान विश्वेश्वर की पूजा नियमित रूप से कराने और मस्जिद के गुंबदों को ढहाने का आदेश भी मांगा गया है। इस अर्जी पर दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी।

gyanvapi

ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर पहले से ही करीब 10 अर्जियां कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं। ज्यादातर अर्जियों पर जिला जज अजय कुमार विश्वेश सुनवाई कर रहे हैं। उन्होंने बीते कर सुनवाई के बाद अगली सुनवाई की तारीख कल यानी 26 मई के लिए तय की है। इस सुनवाई में जिला जज मुस्लिम पक्ष की तरफ से दाखिल ऑर्डर 7 के नियम 11 की अर्जी को सुनेंगे। मुस्लिम पक्ष ने अपनी अर्जी में कहा है कि 1991 के पूजास्थल संबंधी कानून के तहत हिंदू पक्ष की अर्जी सुनवाई योग्य नहीं है। जबकि, हिंदू पक्ष ने ऑर्डर 26 के नियम 10 के तहत ज्ञानवापी के सर्वे की रिपोर्ट देखने के बाद मुस्लिम पक्ष की अर्जी पर सुनवाई करने की गुहार लगाई है। जिला जज ने दोनों पक्षों को सर्वे रिपोर्ट की कॉपी, फोटो और वीडियो देने का आदेश दिया है। इस पर एक हफ्ते में आपत्ति भी मांगी है।