नई दिल्ली। टीवी पर कोरोना के खिलाफ मुहिम चलाने वाले, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल खुद कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। केजरीवाल हर घंटे टीवी पर लोगों को मास्क लगाने और कोविड नियमों का पालन करने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन सच्चाई तो ये है कि खुद केजरीवाल अपनी चुनावी रैलियों में कोविड गाइडलाइन्स की धज्जियां उड़ा रहे हैं। सवाल ये है कि आखिर कोविड को लेकर केजरीवाल इतना डबल स्टैंडर्ड क्यों अपना रहे हैं? अगर बात सिर्फ पिछले 5 दिनों की करें तो, केजरीवाल ने हर दिन कोविड गाइडलाइन्स को ताक पर रखकर चुनावी रैली और सभाएं की हैं। केजरीवाल ने 30 दिसंबर को चंडीगढ़ में विजय रैली की थी। भारी भीड़ के वाबजूद रैली में कोविड नियमों का पालन नहीं किया गया। सैकड़ों लोगों की मौजूदगी के बावजूद केजरीवाल रैली में बिना मास्क के नजर आए। 31 दिसंबर को केजरीवाल ने पटियाला में शांति मार्च निकाला। लेकिन यहां भी केजरीवाल बिना मास्क के लोगों की भीड़ के बीच में घूमते रहे। 1 जनवरी को केजरीवाल अमृतसर में रविदास मंदिर और जालंधर के डेरा सचखंड बल्लां में माथा टेका। इस दौरान भी केजरीवाल ने मास्क नहीं लगाया।
2 जनवरी को केजरीवाल ने लखनऊ में एक बड़ी रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में भी कोविड गाइडलाइन्स का पालन नहीं किया गया। कोरोना संक्रमित होने से पहले ठीक पहले, 3 जनवरी को, केजरीवाल ने देहरादून के परेड ग्राउंड में जनसभा को संबोधित किया। इसी चुनावी सभा के बाद केजरीवाल ने खुद के कोविड पॉजिटिव होने की जानकारी दी।
कोरोना पॉजिटिव होने के बाद, अब केजरीवाल अपने संपर्क में आए, लोगों को टेस्ट कराने की सलाह दे रहे हैं, लेकिन सवाल ये है कि आखिर केजरीवाल के संपर्क में पिछले दिनों में कितने लोग आए हैं इसकी गिनती कैसे की जाएगी ? क्योंकि केजरीवाल के हर चुनावी कार्यक्रम में भारी भीड़ मौजूद थी। अपनी रैलियों में केजरीवाल ने जिस तरह से कोविड गाइडलाइन्स की धज्जियां उड़ाई हैं, उसके बाद जनता उनसे कई सवाल पूछ रही है? पहला सवाल तो ये है कि, जनता के पैसे पर, केजरीवाल टीवी पर कोविड नियमों की सख्ती पर, ढोंग वाला प्रचार क्यों कर रहे हैं?
I have tested positive for Covid. Mild symptoms. Have isolated myself at home. Those who came in touch wid me in last few days, kindly isolate urself and get urself tested
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) January 4, 2022
दिल्ली में बढ़ते कोविड मामले के बीच, खुद ने केजरीवाल कोविड गाइडलाइन्स का ख्याल क्यों नहीं रखा? दिल्ली में तमाम पाबंदियां लगाकर, खुद केजरीवाल कोविड नियमों की धज्जियां क्यों उड़ाते रहे? और सबसे बड़ा सवाल ये है कि सियासी फायदे के लिए, केजरीवाल ने लोगों की सेहत के साथ क्यों खिलवाड़ किया?