नई दिल्ली। बल्लभगढ़ थाना शहर इलाके के मिल्क प्लांट रोड स्थित अग्रवाल कॉलेज के सामने सोमवार(26 अक्टूबर) शाम चार बजे बीकॉम अंतिम वर्ष की एक छात्रा का कार सवार दो युवकों ने अपहरण का प्रयास किया था, जिसमें नाकाम रहने पर एक युवक ने छात्रा को गोली मार दी। आरोपी युवक का नाम तौसीफ है। बताया जा रहा है आरोपी और पीड़िता 12 क्लास तक एक साथ पढ़ते थे। इस मामले में परिवार वालों का कहना है कि यह पूरी घटना लव जिहाद से प्रेरित है। यह घटना तब हुई जब लड़की परीक्षा देकर कॉलेज से बाहर निकली ।कॉलेज के बाहर ही आरोपी और उसका दोस्त लड़की को किडनैप करने के लिए इंतजार कर रहे थे। उसे कॉलेज से बाहर निकलते देख कार में सवार बदमाश ने उसे गाड़ी में जबरदस्ती बैठाने की कोशिश की लेकिन लड़की ने बैठने से इनकार किया। जिसके बाद आरोपी ने उसे गोली मार दी थी।
इस मामले में आरोपी तौसीफ की गिरफ्तारी पहले ही की जा चुकी थी। वहीं पुलिस ने दूसरे आरोपी रेहान को भी हरियाणा के नूह से गिरफ्तार कर लिया था। आपको बता दें कि इस हत्या के तीसरे आरोपी अजरू को भी फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अजरू को लेकर फरीदाबाद पुलिस का कहना है कि अजरू ने ही मुख्य आरोपी तौसीफ को देसी पिस्टल मुहैया कराया था और उसे नूंह जिले से गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि पीड़िता बीकॉम अंतिम वर्ष की छात्रा थी। इस मामले में पुलिस ने भी तेजी दिखाते हुए हत्या के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी का नाम तौफीक है। वो राजस्थान के मेवात का रहने वाला है।
#Faridabad: 20-year-old shot dead by an alleged stalker
outside college, accused arrested pic.twitter.com/wfzviVn1ZS— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) October 27, 2020
बल्लभगढ़ में हुई वारदात का वीडियो CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गया था। इस वारदात को लेकर कुछ लोगों का कहना है कि ये घटना एक तरफा प्यार में असफल होने के चलते हुई है। वहीं कुछ लोग इसे लव जिहाद से जोड़कर देख रहे हैं।
इससे पहले भी साल 2018 में आरोपी ने छात्रा का अपहरण कर लिया था। इस संबंध में परिवार वालों ने आरोपित के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया। पुलिस ने छात्रा को उसके कब्जे से छुड़ा लिया। तब आरोपित के स्वजनों ने निकिता के स्वजनों से पैर पकड़कर माफी मांगी और आश्वासन दिया कि तौफिक फिर कभी उसे परेशान नहीं करेगा। इस आश्वासन के बाद निकिता के स्वजनों ने मामला वापस ले लिया। स्वजन अब उस घड़ी को कोस रहे हैं। अगर उस समय आरोपित को जेल भिजवा देते तो शायद यह नौबत नहीं आती।