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Cow Slaughter: ‘केंद्र सरकार गोहत्या पर रोक लगाए, गाय को राष्ट्रीय संरक्षित पशु घोषित करे’, इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुस्लिम जज ने कहा

कोर्ट ने बाराबंकी के मोहम्मद अब्दुल खालिक पर गोहत्या के मामले को खारिज करने से इनकार करते हुए ये बात कही है। कोर्ट ने ये भी कहा कि मान्यता है कि ब्रह्मा ने एक ही वक्त पुजारियों और गायों को जीवन दिया। जस्टिस शमीम अहमद ने कहा कि गाय में मातृत्व के गुण होते हैं और लोग सामान्य तौर पर उनको देवी मानते हैं।

लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो गोहत्या पर पूरी तरह रोक लगाए और गाय को राष्ट्रीय संरक्षित पशु घोषित करे। पुराणों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि गाय को मारने वाले के बारे में इन धार्मिक ग्रंथों में भी कहा गया है कि वो नरक में जाता है। ये बात एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शमीम अहमद ने कही। जस्टिस शमीम अहमद ने कहा कि भारत धर्मनिरपेक्ष देश है। यहां सभी धर्मों का सम्मान होना जरूरी है। गोहत्या के आरोपी की जमानत की अर्जी पर सुनवाई के दौरान जस्टिस शमीम अहमद ने कहा कि हिंदू धर्म में विश्वास है कि गाय की रक्षा और उसका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गायों की प्राकृतिक रूप से हालत और दैवीय गुणों की वजह से ये महत्वपूर्ण है।

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जस्टिस अहमद ने कहा कि कोर्ट ये उम्मीद करता है कि केंद्र सरकार देशभर में गोहत्या पर बैन लगाने और इसे राष्ट्रीय संरक्षित पशु घोषित करने पर फैसला ले सकती है। कोर्ट ने बाराबंकी के मोहम्मद अब्दुल खालिक पर गोहत्या के मामले को खारिज करने से इनकार करते हुए ये बात कही है। कोर्ट ने ये भी कहा कि मान्यता है कि ब्रह्मा ने एक ही वक्त पुजारियों और गायों को जीवन दिया। भगवान शिव, इंद्र और भगवान कृष्ण के गोवंश के प्रति लगाव का भी कोर्ट ने उदाहरण दिया। जस्टिस शमीम अहमद ने कहा कि गाय में मातृत्व के गुण होते हैं और लोग सामान्य तौर पर उनको देवी मानते हैं।

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जस्टिस अहमद ने कहा कि गाय हिंदू धर्म के सभी जानवरों में सबसे पवित्र है। इसे कामधेनु माना जाता है। यानी वो दिव्य गाय, जो सभी इच्छाओं को पूरा करती है। कोर्ट ने कहा कि मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान गायें निकली थीं। उसके चार पैर चार वेदों का प्रतीक माने जाते हैं। उसके दूध को धर्म, धन, काम और मोक्ष का प्रतीक समझा जाता है। गाय के सींग देवताओं का प्रतीक माने जाते हैं। कहा जाता है कि गाय का चेहरा सूर्य और चांद जैसा है। नंदा, सुनंदा, सुरभि, सुशीला और सुमना भी गाय के लिए कहे जाने वाले शब्द हैं।