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Gorakhpur: गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार, घर-घर तक पहुंचाई है श्रीमद्भागवत और रामचरितमानस

इसके बाद इसे व्यापक रूप दिया गया। जानकारों का मानना है कि भाव-भक्ति के इतर वो जीवोकापार्जन के लिए व्यापार पर आश्रित थे। ऐसे में उन्हें व्यापार के सिलसिले में उनका कोलकाता आना जाना लगा रहता था। इस बीच उन्होंने कोलकाता के ही बिड़ला परिवार से ही एक गोदाम पर किराए पर लिया और उसे धार्मिक पुस्तकालय की शक्ल दे दी।

नई दिल्ली। संस्कृति मंत्रालय ने ऐलान किया है कि इस साल 2021 का गांधी शांति पुरस्कार गीता प्रेस गोरखपुर को दिया जाएगा। मंत्रालय ने इस संदर्भ में बयान जारी कर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जूरी ने गोरखपुर को इस पुरस्कार से पुरस्कृत करने का फैसला किया है। विदित हो कि 1995 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आर्दशों को श्रद्धांजलि के रूप में उक्त पुरस्कार की घोषणा की गई थी। वहीं, अब जब गीता प्रेस क्लब के 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं, तो इस खास मौके पर यह पुरस्कार देने का फैसला किया गया है। जयदयालजी गोयंदका ने गीता प्रेस क्लब की स्थापना की थी। वे राजस्थान के चुरू जिले के रहने वाले थे। भाव-भक्ति में उनकी शुरू से ही रुचि थी। जिसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने गीता प्रेस क्लब की स्थापना की थी। बताया जाता है कि उन दिनों बड़ी संख्या में लोग गीता प्रेस क्लब की ओर आकर्षित हुए थे।

इसके बाद इसे व्यापक रूप दिया गया। जानकारों का मानना है कि भाव-भक्ति के इतर वो जीवोकापार्जन के लिए व्यापार पर आश्रित थे। ऐसे में उन्हें व्यापार के सिलसिले में उनका कोलकाता आना जाना लगा रहता था। इस बीच उन्होंने कोलकाता के ही बिड़ला परिवार से ही एक गोदाम पर किराए पर लिया और उसे धार्मिक पुस्तकालय की शक्ल दे दी।

वहीं, अब जब गीता प्रेस क्लब के 100 वर्ष पूरे हो चुके हैं, तो इस खास मौके पर प्रबंधक डॉ लाल मणि त्रिपाठी ने बताया कि जयदयाल जी गोयंदका वणिक प्रेस के संचालक के वक्तव्यों को ईश्वर का संदेश माना करते थे।

उन्होंने 10 रुपए से साल में 29 अप्रैल 1923 में प्रेस की स्थापना की थी। इसके बाद इसे  व्यापक रूप दिया गया। उसी व्यापकता का नतीजा है कि आज भी  गीता प्रेस क्लब का वजूद जिंदा है। वहीं, गीता प्रेस क्लब के 100 वर्ष पूरे होने पर सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा कि, ‘भारत के सनातन धर्म के धार्मिक साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र, गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को वर्ष 2021 का ‘गांधी शांति पुरस्कार’ प्राप्त होने पर हृदय से बधाई। स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने पर मिला यह पुरस्कार गीता प्रेस के धार्मिक साहित्य को एक नई उड़ान देगा। इसके लिए आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार।