नई दिल्ली। नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बिहार के मुख्यमंत्री हैं। राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें कई सालों का वक्त गुजर चुका है। कभी वो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ गठबंधन कर लेते हैं। तो कभी लालू यादव की पार्टी RJP के साथ साथ। भले ही वो किसी से भी गठबंधन करें लेकिन मुख्यमंत्री पद पर खुद को काबिज कर ही लेते हैं। इसी साल जब उन्होंने राजग को छोड़ लालू यादव के साथ गठबंधन किया और दोबारा सत्ता पर काबिज हुए तो उनके अंदर अब पीएम बनने का ख्वाब भी जागने लगा। ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि नीतीश कुमार बिहार में कई जगह पर ऐसे पोस्टर भी देखने को मिले जिसमें लिखा गया था कि बिहार में परिवर्तन देखने को मिला अब देश में भी हुआ होगा।
इन पोस्टर्स के सामने आने के बाद यही कयास लगाए जा रहे थे कि अब नीतीश कुमार देश के पीएम बनने का ख्वाब देख रहे हैं। हालांकि खुलकर उन्होंने इस पर कभी कुछ नहीं कहा लेकिन सवाल यहां यो है कि अगर नीतीश कुमार पीएम बनने का ख्वाब देख रहे हैं तो उन्हें इससे पहले अपने राज्य बिहार जिसके वो मुख्यमंत्री है उस पर गौर करने की जरूरत है। वो इसलिए क्योंकि बिहार एक ऐसा राज्य है जहां पूर्ण शराबबंदी है। नीतीश कुमार खुद दावा कर चुके हैं कि राज्य में शराबबंदी है और राज्य में कोई भी शराब नहीं पीता लेकिन उनके इन दावों की कलई हर बार खुल जाती है।
बिहार में अभी हाल ही में जहरीली शराब से मौत का मामला सामने आया है जिसमें मरने वालों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। अब तक दो दर्जन से ज्यादा लोग इस जहरीली शराब की वजह से अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं कई लोगों की आंखों की रोशनी जाने की भी खबरें सामने आ रही है। इतना सब कुछ होने के बावजूद देश के पीएम बनने का सपना देख रहे नीतीश कुमार राज्य में हुई इन मौतों से सबक लेने के बजाय इसे लेकर गलत बयाबनाजी कर रहे हैं।
जब विधानसभा में नीतीश कुमार से शराबबंदी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने खुद की खामी बताने के बजाय गुस्सा दिखाते हुए कहा कि जो शराब पीएगा वो मरेगा ही। नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों को खुद ही सचेत रहने की जरूरत है। बता दें, नीतीश कुमार ने शराबबंदी होने के बावजूद जहरीली शराब की वजह से हुई मौत को लेकर बयान देते हुए कहा कि जब बिहार में शराबबंदी नहीं थी तभी लोग नकली शराब से मरते थे। अन्य राज्यों में भी इस तरह की घटनाएं सामने आती थी। अब जब बिहार में शराबबंदी है तो ऐसे में नकली शराब तो बिकेगी ही और लोग इसे पिएंगे तो उनकी मौत भी होगी।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि शराब पीना बुरी आदत है ऐसे में से पीने से बचना चाहिए लेकिन नीतीश कुमार यहां पर ये जवाब नहीं दे रहे हैं कि शराबबंदी होने के बावजूद राज्य में शराब कहां से बिक रही है। अब जहरीली शराब पीने के बाद हुई इन मौतों को लेकर दिए गए इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी नीतीश कुमार पर हमलावर हो गई है। भाजपा ने इसके लिए बाहर नीतीश कुमार पर निशाना साधा है।बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जयसवाल ने इस मामले पर नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि नीतीश कुमार का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। अगर वो दिल्ली आते हैं तो हम उनका इलाज करवा देंगे। हालांकि आखिर में सवाल वही है कि अगर नीतीश कुमार ये कह रहे हैं कि लोगों को ही अगर खुद की सुरक्षा का ख्याल रखना है तो फिर जनता ने उन्हें मुख्यमंत्री क्यों चुना है?। क्या नीतीश कुमार केवल राज्य के मुख्यमंत्री बस नाम के लिए हैं?