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Coalition: पंजाब में कैप्टन अमरिंदर के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी बीजेपी, ये है दोनों का गेमप्लान

बीजेपी ने अपनी इसी रणनीति के तहत अकाली दल के सांसद मनजिंदर सिंह सिरसा को बीते दिनों पार्टी में शामिल कराया है। सिरसा ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया था। अब बीजेपी सिरसा के सहारे पंजाब के किसानों में पैठ बनाने की तैयारी कर रही है।

नई दिल्ली/चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनावों में इस बार बड़ा हाथ मारने के इरादे से बीजेपी का नेतृत्व तैयारी कर रहा है। पार्टी ने कांग्रेस छोड़कर पंजाब लोक कांग्रेस PLC बनाने वाले पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ हाथ मिलाया है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी पंजाब की 117 विधानसभा सीटों में से 80 से 85 सीटों पर लड़ सकती है। जबकि, कैप्टन की पार्टी 20 से 25 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है। कुछ सीटें अकाली दल ढींढसा को दी जाएंगी। इसके लिए उसके अध्यक्ष सुखदेव सिंह ढींढसा से बात चल रही है। सूत्रों के मुताबिक अगले महीने तक बीजेपी अपने गठबंधन का एलान कर देगी। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी पंजाब में अकाली दल के साथ मिलकर लड़ी थी और सिर्फ 2 सीटें ही हासिल कर सकी थी। इस बार बीजेपी का इरादा चुनाव जीतकर पंजाब में सरकार बनाने का है।

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बीजेपी ने अपनी इसी रणनीति के तहत अकाली दल के सांसद मनजिंदर सिंह सिरसा को बीते दिनों पार्टी में शामिल कराया है। सिरसा ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया था। अब बीजेपी सिरसा के सहारे पंजाब के किसानों में पैठ बनाने की तैयारी कर रही है। सिरसा का पंजाब के किसानों पर काफी प्रभाव माना जाता है। साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह भी जाट सिखों में काफी प्रभाव रखते हैं। इससे राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी होने के आसार हैं। कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ते वक्त कहा था कि पार्टी में उनका अपमान किया गया। उन्होंने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ भी तमाम बयान दिए हैं। सिद्धू ने जिस तरह पाकिस्तानी पीएम इमरान खान को अपना बड़ा भाई बताया और पाक के सेना प्रमुख बाजवा से गले मिले, उसे भी बीजेपी और कैप्टन ने मुद्दा बना रखा है।

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पंजाब की बात करें, तो यहां के ग्रामीण इलाके सिख बहुल हैं। इनमें से भी ज्यादा संख्या जाट सिखों की है। वहीं, शहरी इलाकों में हिंदू ज्यादा संख्या में हैं। बीजेपी खुद हिंदुओं का वोट लेकर और कैप्टन और ढींढसा के जरिए सिख वोटों को अपने पाले में करने की पूरी तैयारी कर चुकी है। हाल के दिनों में पंजाब में रोजगार और नौकरियां मांगने वालों पर कई जगह चन्नी सरकार की पुलिस ने लाठियां भांजी हैं। बीजेपी और कैप्टन इसे भी मुद्दा बना सकते हैं। वहीं, आम आदमी पार्टी भी पंजाब चुनाव में कूदी है। माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी भी कांग्रेस के वोटों में बड़ी सेंध लगा सकती है। इसका भी फायदा बीजेपी और कैप्टन को हो सकता है।