मुजफ्फरनगर। एक साल से ज्यादा वक्त तक तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन चला। दिल्ली के तमाम बॉर्डर पर किसानों ने जमकर हंगामा किया। दिल्ली में हिंसा भी हुई। बावजूद इसके पिछले दिनों यूपी समेत 4 राज्यों में इस किसान आंदोलन का कोई असर नहीं दिखा और बीजेपी फिर से इन राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता में बैठ गई। बीजेपी की ये जीत अब किसानों का नाम लेकर सियासत करने वालों के गले नहीं उतर रही है। वे अपनी नाकामी से झुंझला रहे हैं। ऐसी ही झुंझलाहट भारतीय किसान यूनियन BKU के चीफ नरेश टिकैत के बयान में दिखी। नरेश टिकैत के भाई राकेश टिकैत ने भी किसान आंदोलन में खूब हिस्सा लिया था और दिल्ली के बॉर्डर पर एक साल तक जमे रहे थे।
बहरहाल हम राकेश की नहीं, नरेश टिकैत की झुंझलाहट भरे बयान की बात आपको बताने जा रहे हैं। यूपी समेत 4 राज्यों में बीजेपी की जीत के बारे में पूछे गए सवाल पर नरेश टिकैत की निराशा सामने आ गई। उन्होंने कहा कि लोगों का झुकाव बीजेपी की तरफ है, इसके लिए हम क्या कर सकते हैं ? ये उनकी मर्जी है कि वो किसे वोट देना चाहते हैं। हम न खुश और न ही दुखी हैं। ये एक आजाद मुल्क है। बीजेपी की जीत पर नरेश टिकैत की ये झुंझलाहट और निराशा झलक रही है। जबकि, चुनाव के दौरान वो और राकेश टिकैत लगातार किसानों का नाम लेकर बीजेपी के खिलाफ वोटरों को भड़का रहे थे।
#WATCH I want to tell our office bearers not to sit on dharnas & waste time. No use…Sit with district admin & discuss, instead of jamming roads on trivial matters. We’ll look into bringing discipline… Farmers’ (issue)a small one, not so big…:BKU’s Naresh Tikait in UP (25.4) pic.twitter.com/rlSWash1Qy
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 26, 2022
नरेश टिकैत ने पश्चिमी यूपी में पहले दौर की वोटिंग से पहले ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था कि नोटा नहीं, चुनाव में मतदान करें। किसानों के मुद्दों पर चोट करें। मैं परिवार के साथ सिसौली में मतदान करूंगा। आप भी लोकतंत्र के महायज्ञ में शामिल हों। वहीं, उनके भाई राकेश टिकैत जब सिसौली लौटे थे, तो रास्ते में तमाम ऐसे होर्डिंग लगे थे, जिनमें उनके साथ सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल RLD चीफ जयंत चौधरी के फोटो लगे थे। राकेश टिकैत ने बाद में माना भी था कि सपा गठबंधन से उन्हें चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया था। जबकि, किसान आंदोलन करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा SKM के नेता योगेंद्र यादव ने कहा था कि हमने पिच बनाकर दे दी थी, लेकिन अखिलेश बैटिंग कर नहीं सके। इससे भी साफ हो गया था कि किसान आंदोलन का असली मकसद बीजेपी को चुनावों में शिकस्त दिलाना था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
नोटा नहीं, चुनाव में वोट करें,
किसानों के मुद्दों पर चोट करें।मैं परिवार के साथ सिसौली में 2 बजे मतदान करूंगा, आप भी लोकतंत्र के महायज्ञ में शामिल हों – नरेश टिकैत pic.twitter.com/O23P6x8uoe
— Naresh Tikait (@NareshTikait) February 9, 2022