नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के नेतृत्व में एक समिति बनाकर “एक राष्ट्र, एक चुनाव” अवधारणा को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। समिति को पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की व्यवहार्यता और तौर-तरीकों पर विचार-विमर्श करने का काम सौंपा गया है, उम्मीद है कि निकट भविष्य में एक आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से इसके सदस्यों की घोषणा की जाएगी।
इस प्रस्ताव पर आगे चर्चा करने के लिए सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक लोकसभा और राज्यसभा दोनों का विशेष सत्र बुलाया है। इस सत्र में पांच बैठकें होने वाली हैं, जिसके दौरान समकालिक चुनावों का विषय संभवतः केंद्र में रहेगा। समिति का गठन और आगामी संसदीय सत्रों में चर्चा की शुरुआत भारत में चुनाव प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए नई रणनीतियों की खोज करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाती है।