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इंडिया से धोखेबाजी करने में लगा है चीन, वहीं नेपाल और पाकिस्तान में शुरू हो गई है भारत विरोधी हरकतें

भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद पाकिस्तान और नेपाल दोनों देशों में ऐसी हरकतें बढ़ गई हैं।

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा विवाद के बाद भारत को धमकी देते हुए चीन ने कहा था कि अगर भारत ने उसके साथ युद्ध करने की कोशिश भी की तो उसे तीन मौर्चे पर युद्ध लड़ना पड़ सकता है। आपको बता दें कि चीन की शह पर नेपाल पहले से ही भारत विरोध गतिविधियां कर रहा है। उसने अपने नए नक्शे को मंजूरी दे दी जिसमें भारत के तीन जगहों लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को उसने अपना बताया तो वहीं पाकिस्तान जो चीन के कर्ज के बोझ तले दबा है उसकी सेना भी हरकत में आ गई है।

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भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद पाकिस्तान और नेपाल दोनों देशों में ऐसी हरकतें बढ़ गई हैं। वहीं भारत के अन्य पड़ोसी देश जैसे बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, श्रीलंका और भूटान इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुऐ हैं। ऐसे में ये लगता है कि चीन के कर्ज में दबे इन देशों ने शांत रहना ही ऐसे मैके पर बेहतर विकल्प नजर आ रहा है।

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भारत-चीन के बीच बढ़े विवाद के बीच पाकिस्तान इस समय सेनाओं को तैयार रखने के काम में जुट गया है। ऐसे में इसे भारत के लिहाज से भड़काऊ कहा जा सकता है। पाकिस्तान के तीनों सैन्य प्रमुखों को इंटर सर्विसेज इंटैलिजेंस (आईएसआई) के कराची स्थित मुख्यालय में बुलाया गया था। माना जाता है कि भारत से मुकाबले के लिए पाकिस्तान की तैयारियों का विश्लेषण यहां किया जा रहा था।

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पाकिस्तान में दशकों बाद जिस तरह तीनों सैन्य प्रमुखों को आईएसआई के मुख्यालय पर बुलाया गया है, वो सामान्य बात नहीं लगती। इसे कोई अच्छा संकेत नहीं कहा जा सकता। खुद इमरान खान पिछले दो तीन महीने में दो बार आईएसआई के मुख्यालय पर जा चुके हैं।

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वहीं जिस दिन से भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव बढ़ा। उसके अगले दिन ही नेपाल के सैन्य प्रमुख कालापानी पर सीमा का निरीक्षण करने पहुंचे। इसे इतने नाजुक समय पर नेपाल का भड़काऊ कदम ही माना जाना चाहिए। यही नहीं तीन भारतीय इलाकों को अपने नक्श में शामिल करने के बाद उन इलाकों के पास सीमा पर नेपाल ने सशस्त्र बलों की तैनाती कर दी है। उसने अपनी सीमा चौकी को अपग्रेड किया है। इसे स्थायी चौकी बना दिया गया है। जहां केवल अब सशस्त्र सैनिकों की तैनाती होगी। एक साल पहले तक यहां लाठी रखने वाले पुलिसकर्मी तैनात रहते थे।

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यहीं नहीं नेपाल ने धारचूला-टिंकर रोड प्रोजेक्ट के तहत 87 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण शुरू कर दिया है। ये काम सेना को सौंपा गया है। इससे चीन के साथ व्यापार शुरू करने की योजना है।

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मतलब साफ है कि चीन की धमकी रंग ला रही है और वह सच में भारत को तीन तरफ से घेरने की तैयारी करने में लगा हुआ है। लेकिन चीन को यह नहीं पता की भारतीय सेनी की असली ताकत क्या है। भारतीय सेना ऐसी परिस्थितियों से निपटने का काम सालों से करती चली आ रही है और उशके पास इसका पूरा अनुभव है। जबकि वियतनाम में मुंह की खाने के बाद से चीन की सेना के पास किसी बी जमीनी लड़ाई का कोई अनुभव नहीं है।