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Opposition Unity: बंगाल के बाद महाराष्ट्र रवाना हुए CM केजरीवाल, करेंगे उद्धव ठाकरे से मुलाकात

Opposition Unity: विगत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया था कि दिल्ली का असली बॉस कोई और नहीं, बल्कि केजरीवाल सरकार है। कोर्ट का यह फैसला मुख्तलिफ मसलों को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी टकराव को लेकर काफी अहम माना गया था।

नई दिल्ली। बंगाल के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल महाराष्ट्र रवाना हो चुके हैं, जहां उनकी मुलाकात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और शरद पवार से प्रस्तावित है। वह 24 मई को उद्धव ठाकरे और 25 मई को राकांपा प्रमुख शरद पवार से मुलाकात करेंगे। इन दोनों से सीएम केजरीवाल आगामी लोकसभा चुनाव के साथ-साथ हाल ही में केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश पर भी बात करेंगे। बता दें कि आज सीएम केजरीवाल की ममता बनर्जी से मुलाकात हुई। वहीं, ममता ने केंद्र द्वारा लाए गए अध्यादेश का विरोध किया और इसे संविधान के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश ने संविधान का मजाक बनाया है। जिसकी आलोचना की जानी चाहिए। ध्यान रहे कि इससे पहले नीतीश कुमार भी केजरीवाल से मुलाकात करने पहुंचे थे। तब उन्होंने भी केंद्र के इस अध्यादेश का विरोध किया था और इसे संविधान के खिलाफ बताया था। आइए, जरा एक बार पूरा माज़रा जान लेते हैं।

जानें पूरा माजरा

दरअसल, विगत दिनों सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कर दिया था कि दिल्ली का असली बॉस कोई और नहीं, बल्कि केजरीवाल सरकार है। कोर्ट का यह फैसला मुख्तलिफ मसलों को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच जारी टकराव को लेकर काफी अहम माना गया था। वहीं, कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी स्पष्ट कर दिया था कि जमीन, सुरक्षा और पुलिस को छोड़कर सभी मसलों पर फैसला लेने का पूर्व अधिकार दिल्ली सरकार के पास है, लेकिन हफ्तेभर बाद ही केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई, जिसमें उपराज्यपाल की शक्तियों को बढ़ाने का प्रावधान किया गया था। अब सीएम केजरीवाल सरकार ने केंद्र के इस अध्यादेश के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है, वहीं विपक्षियों से मांग कर रहे हैं कि वह संसद में केंद्र के इस अध्यादेश को विधेयक बनने से रोक। बता दें कि अब तक नीतीश कुमार से लेकर ममता बनर्जी तक इस अध्यादेश को लेकर दिल्ल सरकार का समर्थन ही किया है। अब ऐसे में उद्धव ठाकरे की क्या प्रतिक्रिया रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

कहीं तीसरा मोर्चा बनाने की तैयारी

बीजेपी द्वारा लगातार यही सवाल पूछा जा रहा है कि अगर एक पल के लिए यह मान भी लेते हैं कि विपक्षी एकता को मूर्त रूप दे भी दिया जाए, तो इसकी अगुवआई कौन करेगा? इस सवाल का जवाब ना पक्ष के पास है और ना ही विपक्ष के पास। वहीं, अब सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अभी तो बीजेपी के पराजित करने के ध्येय से दो ही मोर्चे नजर आ रहे हैं, लेकिन अब कहीं सीएम केजरीवाल अपनी अगुआई में तीसरा मोर्चा बनाने की जुगत में तो नहीं जुट गए हैं। यह अपने आप में बड़ा सवाल है।