नई दिल्ली। जी-20 कार्यक्रम में रात्रिभोज में सदस्य देशों के अध्यक्षों को निमंत्रण हेतु भेजे गए पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा हुआ है, जिसे लेकर अब विरोधी खेमों की ओर से विरोधी सुर सुनाई दे रहे हैं। विरोध की एक वजह यह भी है कि आमतौर पर इस तरह के राजकीय पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ ही लिखा रहता है, लेकिन अब इसे ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ किए जाने पर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है। हालांकि, पहले महज इस बात की आशंका थी कि केंद्र जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले सदस्य देशों को भेजे जाने वाले निमंत्रण पत्र में इंडिया की जगह भारत नाम इस्तेमाल कर सकती है। इस बात की आशंका खुद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जाहिर की थी, लेकिन बाद में उन्होंने पुष्टि की कि सरकार ने खुद ही हमारे कयासों पर आधिकारिक मुहर लगा दी है। उधर, विपक्ष की ओर से इसका विरोध किया जा रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि जब आमतौर पर इस तरह के राजकीय परिपत्रों में इंडिया शब्द का ही इस्तेमाल होता है, तो सरकार भारत शब्द का इस्तेमाल करके हमें क्या संदेश देना चाहती है?
G-20 के बाद 9 तारीख को डिनर के लिए राष्ट्रपति की तरफ से भेजे गए इन्विटेशन में इस बार प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है
President Of Bharat | #PresidentOfBharat | #G20 | @kumarrgaurrav pic.twitter.com/DMuIFAvuVF
— News24 (@news24tvchannel) September 5, 2023
ध्यान दें, सरकार ने नाम को लेकर ऐसा फेरबदल ऐसे वक्त में किया है, जब बीते दिनों कर्नाटक में विपक्षी दलों ने अपनी बैठक में गठबंधन का नाम यूपीए की जगह इंडिया रख दिया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सुझाव पर इस पर नाम पर मुहर लगाई गई थी, लेकिन बीजेपी ने इसका विरोध किया। एक रैली को संबोधित करने के क्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां तक कह दिया था कि यह गठबंधन घमडियां है। इस बीच अब जी-20 सदस्य देशों को भेजे गए निमंत्रण पत्र में इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल किए जाने को लेकर विवाद छिड़ गया है, जिस पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का ब़ड़ा बयान सामने आया है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?
#WATCH | Delhi: “If an alliance of some parties become India, would they change the name of the country? The country belongs to 140 crore people, not to a party. Let’s assume if the India alliance renames itself as Bharat, would they rename Bharat as BJP then?… What’s this… pic.twitter.com/NGfyY9J9P7
— ANI (@ANI) September 5, 2023
दरअसल, सीएम केजरीवाल ने कहा कि कल अगर हम बैठक करके फैसला लेते हैं कि अब से हमारे गठबंधन का नाम इंडिया नहीं भारत होगा, तो क्या सरकार इस देश का भी नाम बदल देगी। केजरीवाल ने आगे कहा कि हमारा देश पुराना है। बीजेपी नाम इसलिए बदल रही है, क्योंकि इन्हें डर लग रहा है कि इंडिया नाम रख लेने से इनका वोट कम हो जाएगा। ये लोग मुद्दे को भटकाने की दिशा में काम कर रहे हैं। वहीं, केजरीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस में कई अन्य मुद्दों पर भी अपनी राय रखी। आइए, आगे आपको इसके बारे में भी विस्तार से बताते हैं।
केजरीवाल ने वन नेशन वन इलेक्शन के विरोध में तर्क पेश करते हुए कहा कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इससे क्या फायदा होगा। मुझे तो लगता है कि इससे सिर्फ बीजेपी को ही फायदा होगा। अभी हर 6 महीने में चुनाव होता है, तो बीजेपी को अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताना होता है, लेकिन अब इनके पास कुछ भी बताने के लिए नहीं है, तो अब ये एक साथ चुनाव कराने की प्रणाली लाना चाहते हैं। मैं आपसे कहता हूं कि अगर ऐसा हुआ, तो पांच साल बाद आम जनता को सिलेंडर 5 हजार रुपए में मिलेगा। आम जनता महंगाई से पस्त हो चुकी होगी।