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खुले में नमाज पढ़ने वालों को सीएम खट्टर ने सुनाई खरी-खरी, कहा- इसे न बनाए शक्ति प्रदर्शन का जरिया  

CM Khattar : इसके अलावा त्योहारों के मौके पर सार्वजनिक रूप उत्सव बनाने के लिए सरकार मंजूरी भी देती है, लेकिन अगर कोई अपनी धार्मिक गतिविधियों को अपनी शक्ति प्रदर्शन का जरिया बनाएगा, तो इस स्थिति को कतई बर्दाश्त किया जाएगा। बता दें कि खुले में नमाज पढ़ने को लेकर सीएम खट्टर ने दूसरी मर्तबा बयान दिया है।

नई दिल्ली। गुरुग्राम में पिछले कई दिनों से खुले में नमाज पढ़ने को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई सियासी नुमाइंदों की दस्तक ने इस पूरे मसले को सियासी रंग में सराबोर कर दिया है। वहीं मजहबी हितों से जुड़े होने की वजह से इस पूरे मसले की संवेदनशीलता भी अपने चरम पर है। बीते दिनों खुद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस पूरे मसले पर अपनी प्रतिक्रिया देकर अपना रुख स्पष्ट किया था। उन्होंने खुले में नमाज पढ़ने वाले लोगों को कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि धार्मिक गतिविधियों को संपन्न करने के लिए विशेष स्थान नियत किए गए हैं। लिहाजा धार्मिक गतिविधियों को वहीं अंजाम दिया जाए तो बेहतर रहेगा।

manohar lal khattar

अब ऐसे में एक बार फिर से उन्होंने खुले में नमाज को लेकर अपना बयान जारी कर कहा कि कुछ लोग इसे शक्ति प्रदर्शन का जरिया बना रहे हैं। लिहाजा ऐसे लोगों को इसे शक्ति प्रदर्शन का जरिया बनाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि नमाज तो नमाज की तरह होना चाहिए, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से ये सियासी रंग में घुलता जा रहा है, वो हम सभी के लिए चिंता का सबब बन सकता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए कई तरह के नियम कायदे कानून निर्धारित किए हैं, लिहाजा बेहतर रहेगा कि सभी लोग इन्हीं नियमों और कायदे-कानूनों का पालन करें। उन्होंने आगे यह भी कहा कि सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए अपनी धार्मिक गतिविधियों का पालन करने के लिए मंदिर, मस्जिद और गिरजाघर जैसे स्थान नियत किए गए हैं।

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इसके अलावा त्योहारों के मौके पर सार्वजनिक रूप उत्सव बनाने के लिए सरकार मंजूरी भी देती है, लेकिन अगर कोई अपनी धार्मिक गतिविधियों को अपनी शक्ति प्रदर्शन का जरिया बनाएगा, तो इस स्थिति को कतई बर्दाश्त किया जाएगा। बता दें कि खुले में नमाज पढ़ने को लेकर सीएम खट्टर ने दूसरी मर्तबा बयान दिया है। जिस तरह से पिछले कुछ दिनों लोग अपनी धार्मिक गतिविधियों का सहारा लेकर दूसरे को भड़काते हुए नजर आ रहे हैं, यह स्थिति सामाजिक समरसता के लिए घातक है। अब ऐसे में यह पूरा मसला अब आगे चलकर क्या रुख अख्तियार करता है। यह अब आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल तो यह पूरा माजरा सूबे में विवाद की वलजह बना हुआ है।