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Uttar Pradesh: सीएम योगी बोले, जीवन में पिछलग्गू नहीं, नजीर बनें

CM Yogi Adityanath in Gorakhpur: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के अभूतपूर्व संकट में प्रधानमंत्री की अगुवाई में जो असाधारण कार्य हुए वह तकनीकी से ही सम्भव थे। आप भी तकनीक से जुड़ें। इसका बेहतर उपयोग करें।

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अगुवाई में पिछले छह साल में देश बदल रहा है। अब पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। अब भारत का शुमार दुनिया के अग्रणी देशों में होता है। ऐसे में आप भी जीवन मे पिछलग्गू बनने की बजाय नजीर बनें। सीएम योगी ने गुरुवार को महाराणा प्रताप (एमपी) शिक्षा परिषद के 88वें संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए यह बातें कहीं। महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज परिसर में आयोजित समारोह में सीएम योगी ने कहा कि खुद को समाज और देश के लिए बोझ नहीं, उपयोगी बनाएं। शिक्षण संस्थाएं टीम भावना के साथ ऐसा करें तो यह सम्भव है। परिषद से जुड़े सभी लोग (बच्चे, शिक्षक और अभिभावक) परिषद के शताब्दी वर्ष तक इसी को लक्ष्य बनाकर इसके लिए खुद, संस्था और पूरे प्रदेश को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का भी यही मकसद है। यकीनन आप सारे लोग ऐसा करेंगे तो आने वाले समय मे यह परिषद उत्तर भारत का श्रेष्ठतम शिक्षण संस्थान बनेगा।

CM Yogi Adityanath

जनवरी तक आ जाएगी कोरोना की वैक्‍सीन : सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना के अभूतपूर्व संकट में प्रधानमंत्री की अगुवाई में जो असाधारण कार्य हुए वह तकनीकी से ही सम्भव थे। आप भी तकनीक से जुड़ें। इसका बेहतर उपयोग करें। उन्होंने कहा कि जनवरी तक कोरोना की वैक्सीन आ जाएगी। तब तक कोविड प्रोटोकॉल के मानकों का पहले जैसे ही अनुपालन करें। सीएम योगी ने कहा कि चुनोतियों को अवसर और असफलता को सफलता में बदलने वाला ही जीवन मे सफल होता है, आप भी हर चुनौती में अवसर व असफलता में सफलता तलाशें। सफलता आपके कदम चूमेगी।

वैदिक काल से ही ज्ञान पिपाशु होने के नाते विश्वगुरु रहा भारत: हृदय नारायण दीक्षित

संस्थापक सप्ताह समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि गुलामी के काल खंड को छोड़ दें तो भारत वैदिक काल से ही ज्ञान पिपाशु रहा है। इसी नाते उसे विश्वगुरु का दर्जा हासिल था। गोरक्षनगरी का इसमें बेहद महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह परपरा अब भी जारी है। शिक्षा ही संसार और समाज को सुंदर बनाने का जरिया है। एमपी शिक्षा परिषद 1932 से यही कर रहा है। परिषद अपनी संस्थाओं में किताबी ज्ञान के साथ संस्कार भी देता है। ऐसा संस्कार जिससे बच्चों में अपने सम्पन्न इतिहास, परम्परा, संस्कृति और देश प्रेम के प्रति जज्बा और जुनून जगता है। ऐसे बच्चे ही देश और समाज मे अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते हैं। इससे सशक्त और श्रेष्ठ भारत का सपना साकार होगा। देश की अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए भी परिषद के कार्य नज़ीर हैं।

विशिष्ट अतिथि प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षा हर समस्या का हल है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद 1932 से यही कर रहा है। उन्होंने सीएम योगी की अगुवाई में हुए विकास के रिकॉर्ड कार्यों की सराहना की। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रत देव सिंह, राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष ले. जनरल आरपी शाही, दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या के महंत सुरेश दास, स्वामी राघवाचार्य, देवीपाटन शक्तिपीठ के महंत योगी मिथिलेश दास, सिद्धार्थ विश्विद्यालय के कुलपति प्रो सुरेंद्र दुबे, राम मनोहर लोहिया विश्विद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो रामअचल सिंह, वाराणसी से आए संत संतोष दास, सांसद रविकिशन, जयप्रकाश निषाद, विधायक फतेह बहादुर सिंह, महेंद्र पाल सिंह, शीतल पांडेय, संगीता यादव, राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी आदि उपस्थित रहीं। अतिथियों का स्वागत एमपी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर यू पी सिंह ने किया।

भारतीय संस्कृति का विश्व में प्रसार का हुआ विमोचन

समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में लिखी पुस्तक “भारतीय संस्कृति का विश्व में प्रसार” का विमोचन किया। इस पुस्तक का संपादन एमपीपीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रदीप राव व उनके सहयोगियों ने किया है। या दौरान एमपी पॉलिटेक्निक के कार्यशाला अनुदेशक माधवेंद्र राज की तीन पुस्तकों का भी विमोचन किया गया।