नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हाथरस पहुंच चुके हैं। उन्होंने अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और उनका हाल पूछा। इस दौरान सीएम ने डाक्टरों को घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने का निर्देश दिया। इसके साथ ही योगी ने इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से भी मुलाकात कर उनको ढांढस बंधाया। इस हादसे में अभी तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है क्यों कि अभी बड़ी संख्या में घायलों का आस-पास के अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
VIDEO | Hathras stampede: Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath (@myogiadityanath) arrives in Hathras.
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— Press Trust of India (@PTI_News) July 3, 2024
उधर, इस मामले में डीएम हाथरस को सौंपी अपनी रिपोर्ट में एसडीएम ने बताया कि बाबा के कमांडो और सेवादारों द्वारा धक्का मुक्की के चलते भगदड़ की स्थिति बनी। एसडीएम के अनुसार नारायण साकार हरि दोपहर लगभग साढ़े 12 बजे पंडाल में पहुंचे और एक घंटे तक उनका सत्संग कार्यक्रम चला। इस दौरान कार्यक्रम के लिए 80 हजार लोगों की अनुमति ली गई थी लेकिन वहां 2 लाख से भी ज्यादा लोग मौजूद थे।
#WATCH उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस के सरकारी अस्पताल में भगदड़ की घटना में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। pic.twitter.com/wR5xZY47ys
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 3, 2024
जब बाबा का काफिला पंडाल से निकल रहा था तभी बाबा के भक्त महिला और पुरुष उनके चरण रज को माथे पर लगाने लगे। इसके बाद बाबा के निजी सुरक्षा कर्मियों और सेवादारों ने इन भक्तों को वहां से हटाने के लिए धक्का देना शुरू कर दिया। लोग इधर उधर भागने और भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में जो गिरा वो उठ नहीं पाया और उसकी जान चली गई।
Watch: Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath arrives in Hathras to meet those injured in the incident pic.twitter.com/wRYIvjVmtr
— IANS (@ians_india) July 3, 2024
दूसरी तरफ, हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में विशाल ने मांग की है कि इस पूरे घटनाक्रम की जांच एसआईटी के द्वारा की जाए जिसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट खुद करे। वहीं याचिका में यह भी कहा गया है कि भविष्य में इस तरह को दोबारा कोई घटना घटित न हो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी किया जाएं। साथ ही हाथरस की घटना वाले स्थान पर मेडिकल सुविधा को लेकर क्या व्यवस्था थी, इसकी भी रिपोर्ट मांगी जाए।