नई दिल्ली। दिल्ली हिंसा को लेकर गुरुवार को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचा। इस प्रतिनिधमंडल में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी वाड्रा, रणदीप सुरेजवाला समेत कई नेता शामिल रहे। राष्ट्रपति कोविंद को कांग्रेस की ओर से मेमोरेंडम दिया गया।
राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि दिल्ली में तीन दिन तक हिंसा हुई। इसके साथ सोनिया गांधी ने कहा कि घटना को लेकर कार्रवाई करने की बजाय केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार मूकदर्शक बनी रही। गृह मंत्री अमित शाह ने भी कोई कार्यवाही नहीं की, जिसकी वजह से 34 लोगों की जान चली गई। सोनिया गांधी ने एक बार फिर अमित शाह के इस्तीफे की मांग की और कहा कि वह स्थिति को संभालने में नाकाम साबित हुए हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, हमने राष्ट्रपति से ‘राजधर्म’ की रक्षा करने की अपनी शक्ति का इस्तेमाल करने की अपील की है। मनमोहन सिंह ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को बताया कि दिल्ली में पिछले चार दिनों में क्या हुआ है, यह बहुत ही चिंता का विषय है। यह देश के लिए शर्म की बात है कि कम से कम 34 लोग मारे गए हैं और 200 लोग घायल हुए हैं, कुल मिलाकर यह केंद्र सरकार की विफलता है।
पहले कांग्रेस पार्टी का सोनिया गांधी की अगुवाई में मार्च निकालने का कार्यक्रम था। पार्टी विजय चौक से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालना चाहती थी। लेकिन इजाजत नहीं मिलने के बाद मार्च निकालने का कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।